बतादें कि कुछ दिन पहले कचहरी गेट को लेकर एसपी और वकीलों के बीच विवाद हो गया था। जिसके बाद वकीलों ने एसपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कचहरी की तरफ खुलने वाले पारम्परिक गेट में एसपी की भारी भरकम सुरक्षा को लेकर विवाद हो गया। जिसके बाद एसपी ने गेट पर ताल जड़ दिया। वकीलों ने इसके विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। साथ ही ताला तोड़ डाला। फिर क्या था। एसपी को ये बात बड़ी नागवार गुजरी। उन्होने फिर से गेट पर ताल लगवा दिया।
इस बात से नाराज वकीलों ने खतौनी निकालकर एसपी कार्यालय निर्माण को ही अवैध बता डाला। साथ ही कार्यालय ढ़हाने की मांग करने लगे। इस दौरान वकील परिषद के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि इलाहाबाद हॉईकोर्ट के जज राजीव लोचन मेहरोत्रा शिरकत करने पहुचे तो वहाँ पर खतौनी सहित एसपी कार्यालय को बेदखल कराये जाने के लिए अधिवक्ता युवा मोर्चा के अध्यक्ष इंद्राकर मिश्र ने ज्ञापन सौंपा।
जिसके बाद से ही पुलिस और वकीलों के बीच चल रहे विवाद ने और भी जोर पकड़ लिया है।
अब देखना यह होगा कि एसपी कार्यालय उक्त जमीन पर कायम रहता है या फिर अदालत अपनी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का आदेश जारी करती है फिलहाल अधिवक्ता अब आरपार की लड़ाई के मूड में हैं। लेकिन जिस तरह से पुलिस प्रशासन वकीलों को लेकर सख्ती दिखा रहा है। उससे एक बात तो साफ है कि ये लड़ाई दूर तक जाने वाली है।
अब देखना यह होगा कि एसपी कार्यालय उक्त जमीन पर कायम रहता है या फिर अदालत अपनी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का आदेश जारी करती है फिलहाल अधिवक्ता अब आरपार की लड़ाई के मूड में हैं। लेकिन जिस तरह से पुलिस प्रशासन वकीलों को लेकर सख्ती दिखा रहा है। उससे एक बात तो साफ है कि ये लड़ाई दूर तक जाने वाली है।