कुंडा विधानसभा क्षेत्र सीट से लगातार 25 वर्षों से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की नई राजनैतिक पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में बसपा को छोड़कर अन्य किसी भी राजनैतिक दल से गठबंधन कर सकती है। विधान परिषद सदस्य अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी ने मंगलवार को गोंडा के सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि उनकी नई पार्टी मुद्दों पर आधारित गठबंधन करेगी लेकिन वह मायावती के साथ कतई नहीं जायेंगे। आगामी 30 नवंबर को लखनऊ के रमाबाई मैदान में राजा भइया अपनी नई राजनैतिक पार्टी का ऐलान करेंगे।
2014 और 2009 में कांग्रेस को मिली थी जीत
प्रतापगढ़ सीट पर अपना दल के हरिवंश सिंह सांसद है। वर्ष 2014 में दूसरे नम्बर पर बसपा के आसिफ निजामुद्दीन सिद्दीकी थी। 2009 की बात की जाये तो कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमारी रत्ना सिंह को इस सीट से जीत मिली थी। इस साल भी बीजेपी दूसरे नम्बर पर थी। जबकि 2004 में राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह को सपा ने प्रत्याशी बनाया था और अक्षय प्रताप सिंह ने चुनाव भी जीता था।
राजकुमारी रत्ना सिंह ने 2009 में राजा भैया के भाई अक्षय प्रताप को हराया था। राजकुमारी को 1,69,137 और अक्षय प्रताप को 1,21,252 मत मिले। अक्षय चुनाव में तीसरे नंबर पर थे। यह चुनाव इसलिए भी रोचक था कि बाहुबली अतीक अहमद भी मैदान में थे। वे अपना दल के प्रत्याशी थे, लेकिन उन्होंने इस चुनाव में हार का सामना किया था और चौथे नंबर पर आए। दूसरे नंबर पर बसपा के प्रोफेसर शिवाकांत ओझा थे। वहीं 2014 में कुंवर हरिवंश सिंह ने 375789 वोट पर जीत हासिल की थी।