दरअसल, मानिकपुर के दहेंगरी जमालपुर निवासी आशुतोष विश्वकर्मा अपने गांव का बीडीसी सदस्य था। वह तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। चार दिन पूर्व उसके पिता कृष्णकांत ने कुछ जमीन गिरवी रख दी। इस पर घर में विवाद हुआ था। आशुतोष शनिवार सुबह करीब 10 बजे बाइक लेकर घर से निकला था। शाम करीब पांच बजे जब वह घर नहीं आया तो लोग उसे ढूंढना शुरू किए। शाम करीब सात बजे घर से दो किलोमीटर दूर उत्तर का पुरवा के पास बाग में खून से लथपथ शव दिखा।
मौके पर पहुंची पुलिस ने उसकी पहचान आशुतोष विश्वकर्मा के रूप में की। उसके सिर पर धारदार हथियार से प्रहार कर हत्या की गई थी। कुछ ही देर में परिजन भी मौके पर पहुंचे। प्रभारी एसओ रामअधार सिंह ने बताया कि आशुतोष का सुबह घर में पिता से कुछ विवाद हुआ था। उसके बाद वह घर से निकल गया। उसकी बाइक मौके से मिली है। मृतक के चाचा ने घटना की बाबत तहरीर दी है लेकिन किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया। मामले की जांच की जा रही है।
By-Sunil Somvanshi