हम बात कर रहे हैं प्रतापगढ़ के लालगंज विकासखंड सीट की। यह सीट बीजेपी के पास ही थी। यहां बीजेपी समर्थित प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। पर इसमें बीजेपी हार गई। बीजेपी के खिलाफ तीनगुने से भी अधिक वोट मिले।
लालगंज सीट पर बीजेपी समर्थित रमेश प्रताप सिंह ब्लॉक प्रमुख थे। रमेश सिंह उन्हीं नागेश सिंह के भाई हैं जिन्होंने रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र में विधायक मोना मिश्रा से बड़ी ही नजदीकी शिकस्त खायी है। यूपी में भाजपा की सरकार बनने के बाद भी यहां अविश्वास प्रस्ताव की सूरत बन गयी। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया। उम्मीद थी कि सत्तापक्ष के हैं तो जीत होगी, पर हुआ इसके विपरीत।
जब वोट पड़े तो रमेश प्रताप सिंह को मिले महज 16 वोट, जबकि उनके खिलाफ 53 वोट पड़ गए। इस अविश्वास प्रस्ताव और सीट छीनने के पीछे कांग्रेस का हाथा था। पूरा समीकरण कांग्रेस के दिग्गज प्रमोद तिवारी और उनकी बेटी विधायक मोना ने सेट कर रखा था। तिवारी की चाल के आगे बीजेपी चारों खाने चित हो गई। याद रहे कि मोना मिश्रा के नागेश सिंह के खिालाफ मैदान में उतरने के बाद से ही गहमा-गहमी चल रही थी।
जीत से कांग्रेस खेमा पूरी तरह गदगद है। कांग्रेसी इसे लोकतंत्र की जीत और बीजेपी की विचारधारा की हार बताते नहीं थक रहे। जीत भले छोटी रही पर दुर्गती का सामना कर रही कांग्रेस के लिये यह किसी सांसद सीट जीतने से कम नहीं दिखी। जमकर पटाखे फोड़े गए और मिठाइयां बांटी गयीं।