गठबंधन के बाद सीट पर सपा-बसपा के बेहतर प्रदर्शन की है उम्मीद।
मायावती
प्रतापगढ़. सपा-बसपा गठबंधन से सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आयी है। पूर्वांचल की एक और सीट पर बसपा का लड़ना लगभग तय कहा जा रहा है। यह सीट है पूर्वी उत्तर प्रदेश की वीवीआईपी लोकसभा प्रतापगढ़। यहां से मोदी लहर में भाजपा के सहयोगी दल अपना दल (अविभाजित) के टिकट पर पहली बार कुंवर हरिवंश सिंह जीतकर आए थे। इस बार सपा-बसपा गठबंधन की नजर इस सीट पर है। सूत्रों के मुताबिक यह सीट बसपा के खाते में गयी है और यहां से बहुजन समाज पार्टी की ओर से अशोक त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया गया है। हालांकि अभी इसका ऐलान नहीं हुआ है। यहां सपा-बसपा गठबंधन की लड़ाई केवल भाजपा से ही नहीं बल्कि राजा भइया की पार्टी जनसत्ता दल से भी होगी।
अशोक त्रिपाठी 2017 में प्रतापगढ़ सदर विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर लड़े थे चुनाव IMAGE CREDIT: अशोक त्रिपाठी 2017 में प्रतापगढ़ सदर विधानसभा से बसपा के टिकट पर विधायकी का चुनाव भी लड़ चुके हैं। वह तीसरे नंबर पर थे। इस बार भी बसपा इन्हीं पर दांव खेलेगी ऐसा सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बहुजन समाज पार्टी ने अशोक त्रिपाठी को प्रतापगढ़ लोकसभा प्रभारी बना दिया है और वो अभी-अभी मायावती से मिलकर वापस लौटे हैं। बसपा में प्रभारी ही प्रत्याशी होता है ऐसा कहा जाता है और देख जाता रहा है। उन्हें प्रभारी बनाए जाने के बाद बसपा-सपा खेमे में खुशी की लहर है। बताते चलें कि प्रतापगढ़ सीट पर इसके पहले समाजवादी पार्टी के टिकट पर राजा भइया के भाई कुंवर अक्षय प्रताप सिंह लोकसभा चुनाव जीते थे। उनेक पहले राज कुमारी रत्ना सिंह कांग्रेस के टिकट पर सांसद बनी थीं।