प्रतापगढ़. तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार बन चुकी है और अजेय मानी जाने लगी बीजेपी की बड़ी हार हुई है। बावजूद इसके कांग्रेस की यूपी में स्थिति बहुत अच्छी नहीं। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी उसे गठबंधन में रखने के लायक भी नहीं मान रही है। इसका असर शायद कांग्रेस नेताओं पर भी पड़ रहा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी ने तो लोकसभा चुनाव न लड़ने की बात कह दी है। उनका यह फैसला कांग्रेस पार्टी और उसको संजीवनी दे रहे राहुल गांधी के लिये झटका कहा जा रहा है।
प्रमोद तिवारी उत्तर प्रदेश के उन गिने-चुने कांग्रेस नेताओं में से हैं, जो पार्टी की स्थिति बद से बद्तर होने के बावजूद न सिर्फ जीतकर आते रहे हैं बल्कि जनता में भी उनकी अच्छी खासी पकड़ है। इसके अलावा पार्टी में भी उनकी मजबूत पकड़ के बारे में सब जानते हैं, जिसके चलते उनकी गिनती न सिर्फ शीर्ष नेताओं में होती रही है बल्कि वह कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे हैं और कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा भेजा है।
प्रमोद तिवारी ने पत्रिका संवाददाता से बातचीत में कहा है कि वह आगामी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। सियासी गलियारों में चल रही खबरों और सोशल मीडिया पर वायरल एक लिस्ट में उनका नाम इलाहाबाद की फूलपुर सीट से उन्हें प्रत्याशी बताया जा रहा है।
बताते चलें कि प्रमोद तिवारी प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास विधानसभा सीट से 1980 से लगातार नौ बार जीतकर आए हैं, जो एक विश्व रिकॉर्ड है। राज्यसभा में मनोनीत किये जाने के बाद उनकी सीट पर अब उनकी बेटी आराधना मिश्रा ‘मोना’ रामपुर खास विधानसभा सीट से विधायक हैं। पूर्वांचल में यह अकेली सीट है जिसपर कोई कांग्रेसी विधायक जीतकर आया है। यह 1980 से लगातार कांग्रेस के पास है।