पुलिस ने पहले ही चेताया था मान्धाता और नगर कोतवाली की पुलिस ने तीन-चार माह पूर्व ही जिला प्रशासन को अवगत करा दिया था कि, अधिवक्ता व जिला पंचायत सदस्य मो. आरिफ को जान का खतरा है। मो. आरिफ को भी इस बात का आभास था कि, किसी भी समय उन पर हमला हो सकता है। अपनी सुरक्षा के लिए वह शासन-प्रशासन से गुहार लगाते रहे कि उन्हें सुरक्षा मुहैया करा दी जाय किन्तु उन्हें सुरक्षा गार्ड मुहैया नहीं कराया जा सका। यही नहीं जब उन्हें सुरक्षा गार्ड मुहैया नहीं कराया गया तो वह उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की थी।
input सुनील सोमवंशी