जानकारी के अनुसार दोपहर में बच्चों ने विद्यालय में मिड-डे-मील के तहत बना भोजन ग्रहण किया। जिसके बाद दूध भी वितरित किया गया। दूध पीने के बाद ही बच्चों की हालत बिगड़ी। दर्जनों की संख्या में छात्र दस्त करने लगे। जिससे विद्यालय के अध्यापकों के हाथ-पांव फूल गए। मामला फूड प्वाइजनिंग से जुड़ा होने के कारण सकते में आए अध्यापकों ने आनन-फानन में एम्बुलेन्स बुलवाई और छात्रों के परिजनों को सूचित किया। मासूमों को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरा ले जाया गया। जहां सभी का उपचार चल रहा है।
एम्बुलेन्स की देरी पर निजी वाहनों से पहुंचाया अस्पताल, तीन गंभीर अपने कलेजे के टुकड़ों को अचानक बीमार देख परिजनों में हाहाकार मच गया। एम्बुलेन्स आने में देरी होते देख परेशान परिजनों ने जीप और अन्य वाहन रिजर्व कर सभी को अस्पताल पहुंचवाया। चिकित्सकों द्वारा रेफर कर दिए जाने के बाद परिजन सभी को जिला अस्पताल ले गए।
तीन इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज रेफर जिला अस्पताल में सभी का उपचार चल रहा है। वहीं तीन की हालत नाजुक देख चिकित्सकों ने इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, जबकि अन्य खतरे से बाहर बताए जाते हैं।
जिलाधिकारी मौके पर, मुकदमा दर्ज जिला अधिकारी शम्भू कुमार समेत कई आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और घटना के सम्बंध में विस्तार से जानकारी ली। रानीगंज से चिकित्सकों का दल भी तत्काल मौके पर पहुंच गया। अधिकारियों के निर्देश पर फत्तनपुर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी है। कमेटी से पूरे मामले की जांच कर जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। बीएसए ने पत्रिका से बात करते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
By: Sunil Somvanshi