जानकारी के अनुसार मेदनीगंज निवासी रेशमा का निकाह जेठवारा कोतवाली के श्मेशरगंज निवासी रफीक के साथ होनी थी। 20 फरवरी को ही निकाह होना था। जिस दिन बारात पहुंचनी थी, उसी दिन सुबह वर पक्ष ने लड़की के भाई को फोन कर मोटरसाइकिल अथवा 50 हजार रुपये नकद देने की मांग रख दी। भाई ने जब अचानक की गई मांग पूरी करने में असमर्थता जताई, तो बारात लेकर नहीं आने की जानकारी दी गई। हाथों में मेहंदी औऱ दिल में पिया के घर जाने का अरमान संजोए बैठी दुल्हन रेशमा को जैसे ही पता चला कि उसका होने वाले शौहर ने दहेज़ के लालच में शादी से इनकार कर दिया है, उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई। जिसे निकाल के लिए बैठना था, वह अपने घरवालों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच गई, जहां दहेज़ के दानवों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर कार्रवाई की मांग की।
धरी रह गई तैयारियां शादी के लिए परिजनों ने सभी तैयारियां कर ली थीं। रिश्तेदार भी पहुंच चुके थे। उल्लास के साथ निकाह की तैयारी थी। लेकिन अचानक बारात ना आने की खबर से मानों हर्षोल्लास के साथ तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे परिजनों पर मानो वज्रपात हो गया। रेशमा एवं उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
डीएसपी बोले, कराएंगे जांच दहेज लोभियों के लालच ने भले ही एक परिवार की खुशियों पर तुषारापात कर दिया हो, लेकिन पुलिस जांच कराने की बात कह खानापूर्ति कर रही है। डीएसपी सिटी रमेश चन्द्र ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी।
By: सुनील सोमवंशी