बतादें कि अभी हाल में ही बनी इस पार्टी के लिए यह पहला चुनाव है। पार्टी को शुक्रवार को आयोग ने चुनाव चिन्ह भी अलाट किया। इधर सिंबल मिलते ही पार्टी की मीटिंग में दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए गए।
बतादें कि इस सीट पर कांग्रेस ने राजुकुमारी रत्ना सिंह ने जहां उम्मीदवार बनाया है तो वहीं इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि भाजपा के साथ राजा भैया की पार्टी का गठबंधन होगा और प्रतापगढ़ व कौशांबी सीट जनसत्ता दल लोकतांत्रिक को मिलेगी। लेकिन दोनों सीटों पर प्रत्याशियों के नाम के ऐलान के साथ ही किसी भी दल से पार्टी के गठबंधन को लेकर लगाए जा कयासों पर भी विराम लग गया। वहीं बसपा ने अभी इस सीट से अपना प्रत्याशी नहीं बनाया है। बीजेपी व अनुप्रिया पटेल के अपना गठबंधन के तहत प्रतापगढ़ सीट से कौन चुनाव लड़ता है यह अभी तय नहीं है।
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के लिए बेहद खास हैं दोनों सीटें सालों से निर्दल विधायक के तौर पर जीत का सेहरा बांधते रहे रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजाभैया ने अभी कुछ महीने पहले ही नई पार्टी का गठन किया। राजाभैया को इस बात की पूरी उम्मीद है कि उन्हे लोगों का व्यापक समर्थन मिलेगा और वो अलग तरीके की राजनीति कर लोगों की सेवा करेंगे। प्रतापगढ़ गृहजनपद होने के नाते जहां उनकी कोशिश है कि इस सीट पर वो जीत दर्ज करें तो वहीं बगल के जिले कौशांबी सीट पर भी उन्हे जीत काफी करीब लग रहा है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगर दोनों सीटों को जीतने में ये पार्टी सफल रहती है तो आने वाले दिनों में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक अच्छा प्रदर्शन करेगी। इसलिए पार्टी के नेता और मुखिया जीत में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। हालांकि आने वाले दिनों में अन्य उम्मीदवारों की सूची आने के बाद पार्टी की रणनीति साफ दिखने लगेगी।