अखिलेश यादव सरकार हाउस अरेस्ट किये गए थे राजा भइया के पिता राजा भइया के पिता महाराज उदय प्रताप सिंह की ओर से कराए जाने वाले भंडारे की पर अदालती आदेश के बाद सबसे पहले अखिलेश यादव राज में रोक लगी थी, जब खुद बेटे रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया सरकार में मंत्री भी थे। उस समय कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने भंडारे की अनुमति नहीं दी तो उदय प्रताप सिंह हर हाल में इस कराने पर अड़ गए। पूरी तैयारियां हुईं और मुहर्रम के दिन ही भंडारे के लिये हलवई भी बुलवा लिये गए। पर प्रशासन को किसी भी कीमत पर कोर्ट के आदेश का पालन कराना था, सो उनके महाराज उदय प्रताप सिंह को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच मुहर्रम का जुलूस उसी रास्ते से गुजरा। तत्कालीन एडीजी कानून व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने भी स्वीकार किया गया था कि प्रतापगढ़ में किसी तरह का तनाव न हो इसके लिये उदय प्रताप सिंह और उनके कुछ समर्थकों को हाउस अरेस्ट किया गया है। हाईकोर्ट ने हनुमान मंदिर पर उनकी ओर से कराए जाने वाले भंडारे पर रोक लगा दी थी।
दरअसल राजा भइया के के पिता की ओर से हनुमान मंदिर पर एक विशेष भंडारा कराया जाता है। पर यह भंडारा ठीक मुहर्रम के दिन अखाड़े के जुलूस के रास्ते में पड़ने वाले हनुमान मंदिर पर कराया जाता है। इसमें बड़ी तादाद में लोग भी जुटते रहे हैं ऐसा कहा जाता है। तारीख और स्थान को लेकर आपत्ति हुई और मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। इसके बाद कोर्ट ने भंडारे पर रोक लगा दी।