13 को बांधी हाफिज ए कुरान की पगड़ी
इस अवसर पर मौलाना मदनी ने 13 व्यक्तियों को हाफिज ए कुरान की शिक्षा पूर्ण करने पर पगड़ी बांधी और आगे की तालीम जारी रखने का संदेश दिया। उन्होंने इसके बाद दुआ कराई। जिसमे रात के 12 बजे भी हजारों हाथ खुदा के सामने उठे और अपने गुनाहों के लिये माफी मांगने के साथ ही देश में अमन चैन कायम रखने की दुआ मांगी। इससे पूर्व जलसे को संबोधित करते हुए मौलाना अरशद रशीदी ने कुरान की महत्ता का वर्णन करते हुए कहा कि कुरान में अल्लाह की शक्ल है। इसकी शिक्षा से बगावत करने वाले को कभी बरकत नहीं मिलती। गुनाहों से बचने का नाम ही कुरान है। उन्होंने नमाजियों को संदेश दिया कि महज दिखावे के लिए नमाज नहीं पढ़नी चाहिए। आज ऐसे ही हालात दिखायी पड़ते है। इससे मुसलमानों को बचना ही होगा। रशीदी ने कहा कि खुदा की इबादत करने पर प्रत्येक दु:ख, कष्ट से छुटकारा मिलता है। जलसे की अध्यक्षता मौलाना अब्दुल हादी और मौलाना वसीम ने संचालन किया।
इस अवसर पर मौलाना मदनी ने 13 व्यक्तियों को हाफिज ए कुरान की शिक्षा पूर्ण करने पर पगड़ी बांधी और आगे की तालीम जारी रखने का संदेश दिया। उन्होंने इसके बाद दुआ कराई। जिसमे रात के 12 बजे भी हजारों हाथ खुदा के सामने उठे और अपने गुनाहों के लिये माफी मांगने के साथ ही देश में अमन चैन कायम रखने की दुआ मांगी। इससे पूर्व जलसे को संबोधित करते हुए मौलाना अरशद रशीदी ने कुरान की महत्ता का वर्णन करते हुए कहा कि कुरान में अल्लाह की शक्ल है। इसकी शिक्षा से बगावत करने वाले को कभी बरकत नहीं मिलती। गुनाहों से बचने का नाम ही कुरान है। उन्होंने नमाजियों को संदेश दिया कि महज दिखावे के लिए नमाज नहीं पढ़नी चाहिए। आज ऐसे ही हालात दिखायी पड़ते है। इससे मुसलमानों को बचना ही होगा। रशीदी ने कहा कि खुदा की इबादत करने पर प्रत्येक दु:ख, कष्ट से छुटकारा मिलता है। जलसे की अध्यक्षता मौलाना अब्दुल हादी और मौलाना वसीम ने संचालन किया।