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BREAKING यूपी के कैबिनेट मंत्री, सांसद और विधायक को सीएम योगी की बैठक में नहीं जाने दिया

locationप्रतापगढ़Published: Apr 23, 2018 02:12:53 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

विकास कार्यों की समीक्षा के साथ ही मुख्यमंत्री कधई मधुपुर गांव में सीएम जनता के बीच चौपाल लगायेंगे

Yogi Adityanath

यूपी के कैबिनेट मंत्री, सांसद और विधायक को सीएम योगी की बैठक में नहीं जाने दिया

प्रतापगढ़. सीएम योगी आज प्रतापगढ़ में हैं। विकास कार्यों की समीक्षा के साथ ही मुख्यमंत्री कधई मधुपुर गांव में सीएम जनता के बीच चौपाल लगायेंगे। साथ ही रात्रि विश्राम भी करेंगे। मुख्यमंत्री 11:50 बजे हेलीकॉप्टर पुलिस लाइन लाइन मैदान में उतरने के बाद अधिकारियों के साथ विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए विकास भवन में बैठक कर रहे हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि इस बैठक में जिले के सांसद विधायक और यहां तक की मंत्री को भी जाने की इजाजत नहीं दी गई है। हालांकि इस मामले में योगी सरकार के मंत्री कुछ कहने से कतरा रहे हैं।
जीहां मुख्यमंत्री की बैठक में मंत्री और विधायक को ही जाने से रोक दिया गया। संवाददाता ने जानकारी दी की विकास भवन में बैठक के दौरान मंत्री और विधायक और सांसद भी जाने लगे लेकिन उन्हे सुरक्षाकर्मियों ने नीचे ही रोक दिया कहा कि नहीं इस बैठक में अधिकारियों के अलावा किसी को जाने की इजाजत नहीं हैं। ऐसे में मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री मोती सिंह अपना के सांसद हरिवंश सिंह आप सदर से विधायक संगन लाल गुप्ता विकास भवन के नीचे ही खड़े होकर योगी जी के नीचे उतरने का इंतजार कर रहे हैं।
अधिकारियों से जानेंगे राजनीतिक दबाव का हल

पत्रिका संवाददाता ने बाताया कि ऐसा इसलिए किया गया है कि जिले में कुछ नेताओं की शिकायत मिल रही थी कि विकास कार्यों में कुछ भाजपा के नेता अधिक ही दखलंदाजी कर रहे हैं। ऐसे में सीएम ने इस बैठक से अधिकारियों को दूर ही रखना उचित समझा।
आगामी विकास कार्यों के लिए सीक्रेट योजनाओं पर चर्चा

कुछ बीजेपी के सूत्रों ने जानकारी दी है कि सीएम जिले में कुछ विकास कार्यों को करने के लिे योजनाओं पर सीक्रेट करना चाहते थे। कई बार अधिकारी मीटिंग में कई बातें स्थनीय नेताओं की दबाव की वजह से कर नहीं पाते हैं। इसलीए इस बैठक से नेताओं को दूर रखा गया है।
अधिकारियों से जानेंगे विकास की सच्चाई

कई बार ऐसा होता रहा है कि विकास कार्यों की जिम्मेदारी जिन प्रभारी मंत्रियों सांसदों या विधायकों को दी जाती है। वो काम कम हो पाने के बावजूद भी उसके शत-प्रतिशत बेहतर होने के दावे करते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री एक-एक परियोजनाओं की बारीकी से अध्ययन करेंगे।
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