पुलिस वाले इस चौकी में ना रहकर अगल-बगल कमरे लेकर रहते हैं। जिसकी सूचना पुलिस के आला अधिकारियों को भी है। इस बार हद तो तब हो गई, जब कोई भी पुलिस कर्मी इस चौकी में रहने से इनकार कर दिया। मामला डीजीपी तक पहुंचा तो उन्होंने इसे बड़ा रूप देने के लिए शाशन को पत्र भी लिखा था।
जिसके चलते अब यह सापों की चौकी अपने इस स्थान को छोड़कर 200 मीटर दूर मुख्य सड़क पर थाना बनने जा रही है। इससे पुलिस चौकी के सिपाही और इंचार्ज इस बात से खुश है कि, अब सापों को रहने के लिए पुरानी पुलिस चौकी सुरक्षित रहेगी। इस थाने के लिए प्रधान ने खुद की जमीन को प्रस्तावित किया।
हालांकि उच्च अधिकारियों के आदेश पर चौकी इंचार्ज ने शिलान्यास किया। गजेहड़ा जंगल के पास जमीन चिन्हित हो गई है। इस चौकी से मान्धाता व रानीगंज थाना काफी दूर हैं। जिससे अपराध और अपराधियों को नियंत्रण करने के लिए पुलिस को परेशानी का सामना करना पड़ता था।
पूर्व मंत्री शिवाकान्त ओझा के प्रयास से सपा सरकार में ही देल्हूपुर के लिए थाना प्रस्तावित किया गया था। लगभग सारी प्रक्रिया भी पूरी हो गई थी, किन्तु जमीन न उपलब्ध हो पाने के कारण अभी तक यहां थाना बनने का कार्य सुरू नहीं हो सका था। लेकिन अब ग्रामप्रधान गजेहड़ा पहाड़पुर निरंजन देवी ने गजेहड़ा जंगल के पास लगभग 1 बीघा 18 बिस्वा जमीन का प्रस्ताव करके दे दिया है।
जमीन की पैमाइस आदि की भी प्रक्रिया पूरी होकर स्तर पर तहसील उक्त जमीन को थाने के नाम से दर्ज करने के लिए पहुंच चुकी है। लेखपाल मो रज्ज़ाक ने बताया कि, जल्दी ही खतौनी विभाग को उपलब्ध करा दी जाएगी। चौकी इंचार्ज हरिसम्भू सिंह ने ग्रामप्रधान लेखपाल व जिलापंचायत सदस्य की मौजूदगी में चिन्ह्ति जमीन पर बोर्ड लगवाया। इस थाने से यहां के अपराध को रोकने में कामयाबी मिलेगी।
input-सुनील सोमवंशी