किसान सूर्य प्रसाद पाण्डेय के घर जन्मे विनोद बचपन से ही पढ़ाई में काफी होनहार थे। शिक्षा में विनोद की रूचि को देखते हुए उनके पिता ने उन्हे सिविल सेवा की तैयारी करने का सलाह दिया। लेकिन जिम्मेदारियों के बोझ ने विनोद के रास्ते को रोक दिया। दो बड़ी बहनों की शादी और घर के खर्चे से परेशान किसान पिता इंगलिश मीडियम स्कूल में विनोद का दाखिला तक नहीं करा सके। विनोद की प्राथमिक विद्यालय शिक्षा पहले स्कूल फिर हाईस्कूल और इंटर मीडिएट की पढ़ाई लालगंज में हुई।
घर में पिता पर खर्चे का बोझ देखकर विनोद ने इंटर की पढ़ाई के बाद ही नौकरी का मन बना लिया। नौकरी करते हुए भी उन्होने अपने सपने को नहीं छोड़ा पढ़ाई करते रहे। इसी दौरान राजस्थान के अजमेर से विनोद ने स्नातक की परीक्षा पास कर ली। 1997 में विनोद का चयन एयर फोर्स में हो गया। फिर क्या था विनोद को लगने लगा कि उनका सपना अब पूरा हो सकता हो तो उन्होने पढ़ाई जारी रखी।
मेहनत का ही नतीजा रहा कि 2017 में विनोद का चयन मनोरंजन कर निरीक्षक के पद पर हो गया। इसके पश्चात 2018 में न्यायिक मजिस्ट्रेट के पद पर इन्हे कौशाम्बी जिले में तैनाती मिली। शुक्रवार को यूपीपीसीएस के परिणाम में भी विनोद ने प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल कर जिले का नाम रोशन कर दिया है।