डीएम ने पहले अचलपुर स्थित मैकसन ग्रामोद्योग की ओर से संचालित महिला आश्रय गृह में छापेमारी की तो वहां पंजीकृत 15 महिलाओं में से एक भी मौके पर नहीं मिलीं। महिलाओं पर आश्रित तीन बालिकाएं मौजूद थीं। डीएम ने जब इसकी जानकारी ली तो उन्हें यह बताया गया कि मेहनत मजदूरी करने बाहर गयी हैं। अधीक्षक रजिस्टर तक नहीं दिखा सकीं। मौके पर सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा था। महिलाओं को क्या भोजन दिया जाता यह भी डीएम को नहीं बता पायीं। प्रशासन ने रात तक इंतजार किया और रात को जब दोबारा छापेमारी की गयी तो भी 15 में से महज तीन महिलाएं ही लौटीं। 12 अब भी गायब थीं। जिलाधिकारी ने महिला आश्रय गृह की कमियों पर नाराजगी जतायी। उन्होंने इसकी जांच करने के लिये समिति बनाने का निर्देश भी दिया है।
डीएम ने अष्टभुजा स्थित जागृति अष्टभुजा नगर महिला आश्रय पर छापेमारी की तो वहां वहां भी पंजिका में दर्ज 16 में से 15 महिलाएं मौके पर नहीं मिलीं। पूछने पर बताया गया सभी अपने निजी काम से बाहर गयी हैं, लेकिन दजिस्टर पर यह दर्ज नहीं था कि कौन कहां गया है। इस जवाब पर डीएम नाराज हुए और कहा कि कौन कहां जा रहा है यह रजिस्टर पर दर्ज होना चाहिये। इसके अलावा वहां रहने वाली महिलाओं की फोटो भी रजिस्टर पर चस्पा करने का निर्देश दिया। सीसीअीवी कैमरा यहां भी नहीं मिला। डीएम ने समिति को इसकी जांच करने का भी निर्देश दिया। प्रशासन रात तक इंतजार करता रहा पर रात 10 बजे भी जब एसडीएम अपनी टीम के साथ दोबारा पहुंचे तो महज तीन महिलाएं ही मिलीं। संचालिका से पूछताछ की जा रही है।
नारी संरक्षण गृहों में लापरवाही और मनमाना रवैया देखने के बाद डीएम इसका संचालन करने वालों पर सख्त नजर आए। डीएम शंभुकुमार ने कहा है कि महिला आश्रय गृहों में अब रात के समय भी औचक निरिक्षण किया जाएगा। यह छापेमारी महिला अधिकारियों की टीम करेगी। अगर कोई गड़बड़ी मिलती है तो उनकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। कहा कि बाल गृहों पर भी प्रशासन पूरी नजर बनाए हुए है। वहां भी छापेमारी की जाएगी। इसके अलावा कस्तूरबा विद्यालयों की संयुक्त जाचं भी की जाएगी, इसके लिये संबंधित एसडीएम व बाल विकास परियोजना अधिकारियों को जिम्मदारी दी गयी है।