बंदर की पुण्यतिथि पर राजा उदय प्रताप सिंह पूजा-पाठ और भंडारा का कार्यक्रम आयोजित कराते हैं। प्रशासन ने मोहर्रम के दिन शेखपुर आशिक गांव में हनुमान मंदिर पर आयोजित होने वाले इसी भंडारे और पूजन कार्यक्रम पर रोक लगाई है। इस कार्यक्रम में विहिप समेत हिन्दू संगठन भी भंडारे का आयोजन करते हैं ।
बता दें कि प्रशासन ने कुंडा में धारा- 144 लगा दी है। राजा भैया के पिता ने कहा कि पूजा-पाठ पर रोक संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन है और जिला प्रशासन हिन्दू विरोधी कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि जबरन मनाही से पूजा-पाठ का निर्धारित कार्यक्रम रूकने वाला नहीं है।
बता दें कि राज घराने का भंडारा का इतिहास बहुत ही पुराना है। स्थानीय लोगों की माने तो 1945 में राजा भैया के दादा महाराजा बजरंग बहादुर सिंह ने भंडारा कराने की शुरूआत की थी। इसके बाद राजा भैया के पिता महाराज उदय प्रताप सिंह ने इसी परंपरा को कई वर्षो तक निभाया था। भंडारे में 25 से 30 हजार लोग प्रसाद ग्रहण करने आते हैं।
मुहर्रम के समय ही भंडारे का आयोजन होता है। जिस जगह पर भंडारा कराया जाता है वहा से मुहर्रम का जुलूस निकलता है इसके चलते ही भंडारे की अनुमति नहीं मिलती है। यह प्रकरण बकायदा हाईकोर्ट तक पहुंचा था और हाईकोर्ट ने भंडारा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से भंडारा का आयोजन नहीं हो पाया है।
BY- SUNIL SOMVANSHI