जनसत्ता दल प्रत्याशी उषा और सपा की प्रत्याशी सीमा यादव में कांटे की टक्कर रही लेकिन, आखिरी में राजा की पार्टी को जीत मिली। हालांकि अभी आधिकारिक फाइनल वोटों का आंकड़ा नहीं आया है। प्रतापगढ़ की कुंडा नगर पंचायत सीट पर राजाभैया की पार्टी जनसत्तादल लोकतांत्रिक ने जीत दर्ज की है। जनसत्ता दल की ऊषा त्रिपाठी ने सपा की सीमा यादव को लंबे अंतर से पराजित कर कुंडा की प्रतिष्ठापरक सीट पर कब्जा जमा लिया है।
राजा भैया ने ऊषा त्रिपाठी के समर्थन में चुनावी जनसभा की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि शेर कभी शिकार करना नहीं छोड़ता है। सपा की ओर से गुलशन यादव की पत्नी सीमा कैंडिडेट हैं। इस लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की जद्दोजहद में बीजेपी की डॉ. सुमन शाहू ने भी पूरा दम झोंका था।
राजा भैया नगर पंचायत सीट पर अपने उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए विशेष रूप से प्रयास करते दिख थे। इसके लिए उनकी ओर से खूब सारा प्रचार किया गया। हालांकि, इस बार उनके राजनीतिक विरोधी समाजवादी पार्टी के गुलशन यादव ताल ठोंकते दिख रहे थे। उनके इस प्रयास ने यूपी में अलग ही राजनीतिक चर्चा को गरमा दिया था।
राजा भैया एक बार फिर सपा से भिड़ते दिख रहे थे। कुंडा नगर पंचायत में अपने उम्मीदवार को जीत दिलाकर राजा बड़ा संदेश देना चाहते थे लेकिन उनके कुंडा में किसी और ने कुंडी लगा दिया। आइए जानते हैं क्या है ‘कुंडा में कुंडी’ लगाने का मामला….
कुंडा के रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने 2022 के विधानसभा के दौरान कहा था कि अखिलेश यादव मुगालते में ना रहे। किसी की हैसियत नहीं है कि वह कुंडा में कुंडी लगा सके, राजा भैया ने कहा कि धरती पर ऐसा कोई माई का लाल पैदा ही नहीं हुआ है। इतना ही नहीं रघुराज प्रताप सिंह ने कहा कि जो लोग सपना देख रहे हैं कि 10 मार्च को सरकार बन रही है, वह मुगालते में हैं। राजा भैया ने कहा कि न सरकार बन रही है और न बनने देंगे।
दरअसल 2022 विधानसभा में कुंडा के विधायक राजा भैया के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने गुलशन यादव को प्रत्याशी बनाया गया था। अखिलेश यादव कुंडा में गुलशन यादव के समर्थन में जनसभा करने पहुंचे तो उन्होंने कहा था कि इस बार यहां की जनता कुंडा में कुंडी लगाने का काम करेगी। यानी बगैर नाम लिए राजा भैया पर इशारों इशारों में अखिलेश यादव ने सियासी हमला बोला था।
1993 से लगातार विधायक हैं राजा भैया
बता दें कि रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने पहली बार 1993 में निर्दलीय विधायक बनकर अपने सियासी करियर की शुरुआत की। जो लगातार 2017 तक जारी है. इस बीच राजा भैया ने किसी भी सियासी पार्टी का दामन नहीं थामा। हालांकि, समाजवादी पार्टी का उन्हें समर्थक जरूर मिलता रहा। वह मुलायम सिंह यादव के करीबियों में भी गिने जाते रहें हैं। लेकिन अखिलेश के आने के बाद राजा भैया की समाजवादी पार्टी से दूरी हुई। वर्ष 2018 में राजा भैया ने अपनी खुद की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का गठन किया। जिसके बैनर तले प्रतापगढ़ के कुंडा, बाबागंज समेत कई सीटों पर चुनावी मैदान में लड़ते हैं।
राजा भैया का सियासी सफर
1997-1999- मंत्री, कार्यक्रम कार्यान्वयन.
1999-2000- मंत्री, खेल और युवा कल्याण.
2004-2007- मंत्री, खाद्य नागरिक आपूर्ति.
2012-2017- मंत्री, खाद्य नागरिक आपूर्ति.
बीजेपी और सपा सरकारों में मंत्री
किन सरकारों में रहे मंत्री राजा भैया
कल्याण सिंह.
राम प्रकाश गुप्ता.
राजनाथ सिंह.
मुलायम सिंह यादव.
अखिलेश यादव.