जिलाधिकारी ने गुरूवार को इस संबंध में बताया कि महिलाओं से पूछताछ में किसी तरह के उत्पीड़न की शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का ज्यादा पंजीकरण दिखाकर सरकारी धन प्राप्त किया है और इसकी जांच की जा रही है। अगर इन संस्थाओं के कागजातों में अनियमितता पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
बता दें कि बुधवार को प्रतापगढ़ में भी जिलाधिकारी ने चल रहे दो नारी संरक्षण गृहों और आश्रय गृहों पर छापेमारी की गई थी। दोनों जगह मिलाकर 26 महिलाएं गायब रहीं। देर रात केवल छह महिलाएं ही यहां मिलीं। इसके बाद अब संचालिकाओं से पूछताछ की जा रही है।
डीएम ने पहले अचलपुर स्थित मैकसन ग्रामोद्योग की ओर से संचालित महिला आश्रय गृह में छापेमारी की तो वहां पंजीकृत 15 महिलाओं में से एक भी मौके पर नहीं मिलीं। महिलाओं पर आश्रित तीन बालिकाएं मौजूद थीं। डीएम ने जब इसकी जानकारी ली तो उन्हें यह बताया गया कि मेहनत मजदूरी करने बाहर गयी हैं।वहीं अधीक्षक रजिस्टर तक नहीं दिखा सकीं। मौके पर सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा था। महिलाओं को क्या भोजन दिया जाता यह भी डीएम को नहीं बता पायीं। प्रशासन ने रात तक इंतजार किया और रात को जब दोबारा छापेमारी की गयी तो भी 15 में से महज तीन महिलाएं ही लौटीं। शेल्टर होम से 12 अब भी गायब थीं। जिलाधिकारी ने महिला आश्रय गृह की कमियों पर नाराजगी जतायी है और इसकी जांच करने के लिये समिति बनाने का निर्देश भी दिया है।
डीएम ने अष्टभुजा स्थित जागृति अष्टभुजा नगर महिला आश्रय पर छापेमारी की तो वहां वहां भी पंजिका में दर्ज 16 में से 15 महिलाएं मौके पर नहीं मिलीं। पूछने पर बताया गया सभी अपने निजी काम से बाहर गयी हैं, लेकिन रजिस्टर पर यह दर्ज नहीं था कि कौन कहां गया है। इस जवाब पर डीएम नाराज हुए और कहा कि कौन कहां जा रहा है यह रजिस्टर पर दर्ज होना चाहिये। इसके अलावा वहां रहने वाली महिलाओं की फोटो भी रजिस्टर पर चस्पा करने का निर्देश दिया। सीसीटीवी कैमरा यहां भी नहीं मिला। डीएम ने समिति को इसकी जांच करने का भी निर्देश दिया। संचालिका रमा मिश्रा से पूछताछ की जा रही है।
BY- SUNIL SOMVANSHI