एक महीने पहले ही बना ली थी योजना
नईम की पाबंदियों से आजिज बेटे ने अपने साथियों के साथ पिता को मारने की साजिश रची थी। पहले वह खुद ही पिता को मारना चाहता था। इसके लिए उसने पिस्टल भी खरीद ली थी, लेकिन बाद में निर्णय बदल दिया और करीब 15 दिन पहले एक दोस्त ने कल्लू गिरोह के सदस्यों से उसकी मुलाकात कराई और नईम के हत्या की साजिश रची गई। सुपारी के दौरान एक लाख रूपये एडवांस भी दिए गए थे।
नईम की पाबंदियों से आजिज बेटे ने अपने साथियों के साथ पिता को मारने की साजिश रची थी। पहले वह खुद ही पिता को मारना चाहता था। इसके लिए उसने पिस्टल भी खरीद ली थी, लेकिन बाद में निर्णय बदल दिया और करीब 15 दिन पहले एक दोस्त ने कल्लू गिरोह के सदस्यों से उसकी मुलाकात कराई और नईम के हत्या की साजिश रची गई। सुपारी के दौरान एक लाख रूपये एडवांस भी दिए गए थे।