वहीं वाराणसी से पकड़े गये लश्कर ए तैय्ब्बा के गिरफ्तार शेख अब्दुल नईम को एनआईए ने बुधवार को दिल्ली के पटियाला हाउस के विशेष अदालत में पेश किया था, जहां अदालत में पूछताछ के बाद नईम को दस दिनों तक एनआईए की हिरासत में दे दिया गया। नईम ने पूछताछ के दौरान अपने साथी शाहनवाज के संबंध में जानकारी दी। जिसके बाद एनआईए की टीम हरकत में आई और बुधवार देर रात लालगंज पुलिस को लेकर पूरे वीरबल गांव पहुंची और शाहनवाज और उनके परिजनों को नोटिस दिखाकर को अपने साथ दिल्ली ले गई । शाहनवाज के पास मोबाइल में रेकी के वीडियो फुटेज भी मिले हैं।
लश्कर ए तैय्ब्बा के इशारे पर नईम वाराणसी में बड़े अंजाम को अपने शाहनवाज जैसे साथियों की मदद से देने की योजना बना रहा था। सूत्रों के अनुसार जब शाहनवाज मदरसे में पढ़ाई करता था उसी दौरान इसके संबंध आतंकी नईम से हो गए । शाहनवाज अपने फोन से नईम से बात भी करता था, जिसकी कॉल डिटेल एनआईए के पास मौजूद होने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता है।
अब एटीएस और एनआईए मिलकर शाहनवाज के स्थानीय लिंक और उसके सम्बन्ध उत्तर प्रदेश में कहां थे, इसकी तलाश में जुटी है। सूत्रों के मुताबिक शाहनवाज का आना जाना अक्सर काश्मीर की घाटियों में लगा रहता था, अब एनआईए की पूछताछ में ही पता चल पाएगा कि संदिग्ध युवक शाहनवाज आखिर काश्मीर की घाटियों में बार बार क्या करने जाता था।
शाहनवाज के दादा पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद से रिटायर्ड थे और पिता अख्तर लालगंज कोतवाली के शमशेरगंज बाजार में सीमेंट और सरिया की दुकान चलाते है। गांव वालों के अनुसार किसी को भी इस परिवार के ऊपर आज तक शक नही हुआ कि इनका चिराग इस तरह की आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हो सकता है। फिलहाल शाहनवाज के पकड़े जाने से गांव से लेकर पूरे जिले में इस मामले की चर्चा जोरों पर है।
BY- SUNIL SOMVANSHI