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…तो इस कारण चौकीदार बन गया पूरा गांव, लाठी लेकर पहरेदारी कर रहे ग्रामीण!

locationप्रतापगढ़Published: Jan 11, 2018 09:49:26 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

तेंदुओं के छिपे होने की आशंका पर उठाया कदम

leopard attack

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प्रतापगढ़. जनपद के बाघराय थाना क्षेत्र के रोर, शुकुलपुर, पचंइया गांवों में तेंदुओं के हमले के बाद दहशत का माहौल है। वन विभाग द्वारा तेंदुओं के इन गांवों में छिपे होने की आशंका जताए जाने एवं प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात ना किए जाने के कारण ग्रामीण स्वयं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाठी-डंडे से लैस होकर पूरी रात पहरेदारी करने को विवश हैं।
वनकर्मी करते रहे भ्रमण, उड़ती रही अफवाहें
वन विभाग के कर्मचारी तेंदुओं की तलाश में क्षेत्र के गांवों का भ्रमण करते रहे, वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र में अफवाहें उड़ती रहीं। पूरे दिन तलाश के बावजूद तेंदुए का पता नहीं चला। जिसके बाद ग्रामीणों में खौफ को देखते हुए वनकर्मी एक माह तक गांवों में कैम्प करेंगे। इस संबंध में एसडीओ लालगंज प्रवीण नारायण श्रीवास्तव ने बताया कि बकुलाही नदी का किनारा होने के कारण तेंदुए आ रहे हैं। डीएफओं के नेतृत्व में विकास खंड विहार में एक माह तक टीम कैम्प करेगी, जिसमें कानपुर की टीम को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि टीम के पास हैंकुलाइजर गन भी मौजूद रहेगी, जिससे तेंदुआ मिलने पर उसे अचेत कर पकड़ा जा सके। टीम में लालगंज प्रशिक्षण केंद्र के 20 प्रतिभागी भी शामिल किए गए हैं। रेंजर कुंडा शिव शंकर सिंह ने शुकुलपुर पचइया में वन दरोगा श्यामलाल व वन रक्षक राम कुमार को तैनात किए जाने की जानकारी दी व कहा कि मैधार गांव में भी एक कर्मचारी को तैनात किया गया है। जो रात के समय गश्त करेंगे। उन्होंने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए तीन अतिरिक्त पिंजरे मंगवाए गए हैं, जो कैम्प करने वाली टीम के पास रहेंगे।

तेंदुओं के गड्ढों में छिपे होने की आशंका
क्षेत्रीय नागरिकों के अनुसार क्षेत्र के देवरी हरदोपट्टी के जंगल में बड़े बड़े गड्ढे हैं। ऐसे में तेंदुए उन्हीं गड्ढों में छिपे हो सकते हैं। जो रात में निकलकर लोगों एवं जानवरों को अपना शिकार बना रहे हैं।
Input By : Sunil Somvanshi

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