शिविर के अंतिम दिन मंगलवार को कार्यक्रम का समापन जल एवं पर्यावरण संरक्षण और सौहार्द के संरक्षण का संदेश देने के लिए फूलों की होली खेलकर किया गया। आयोजन के दौरान वक्ताओं ने स्वयंसेवकों को प्रकृति की सुरक्षा करने के लिए दायित्व का एहसास कराया। पर्यावरणीय होली समारोह में लोगों ने एक दूसरे पर फूलों की वर्षा कर ग्रीन होली की बधाई दी। साथ ही सभी ने होली के त्यौहार को पर्यावरण के रंग, फूलों के संग की थीम पर रंगों की बजाय प्राकृतिक फूलों का उपयोग कर मनाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे पर्यावरणविद एवं पर्यावरण सेना प्रमुख ग्रीन मैन अजय क्रान्तिकारी ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से धरती पर जल संकट गम्भीर रूप ले रहा है। ऐसे में आने वाला कल बेहद भयावह होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य के संकट से बचने का सर्वोत्तम उपाय है बूंद-बूंद पानी बचाना। ऐसा कर हम अपने आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित कर सकेंगे। अपने व्यवहार को बदल कर आने वाले होली के त्योहार पर हम रंग और पानी की जगह फूलों की होली खेलकर जहां एक ओर पानी का संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा करेंगे, वहीं सामाजिक सद्भाव और भाईचारे की भावना को कायम रखने में भी मदद मिलेगी। शिविर प्रभारी डॉक्टर आशुतोष त्रिपाठी ने कहा कि प्रदूषण के दौर में पर्यावरण की रक्षा हेतु हम सभी को तैयार रहना पड़ेगा। डॉक्टर केके सिंह ने पर्यावरण सेना के प्रयासों की सराहना करते हुए सभी से सहयोग की अपील की। इस अवसर पर डॉक्टर राजीव सिंह, आस्था सिंह, सुनील मौर्य, आकाश गुप्ता, आकांक्षा ओझा, सौम्या मिश्रा, शाजिद अली और प्रज्ञा सिंह आदि उपस्थित रहे।
By: Sunil Somvanshi