बता दें कि 1950 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31 के अंतर्गत किसी भी मतदाता का वोटर कार्ड दो जगह से बना है तो उसके खिलाफ एक साल की सजा हो सकती है। चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं के नाम को उनके आधार कार्ड अथवा अन्य दस्तावेज से लिंक कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके लिए घर-घर बीएलओ पहुंचकर मतदाताओं के आधार कार्ड की छाया प्रति लेकर उसे मतदाता सूची से लिंक करा रहे हैं। इस योजना के पूरा होने के बाद फर्जी मतदाताओं पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। इस कार्य के पूरा होने के बाद लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय चुनाव के लिए अलग-अलग बनने वाली मतदाता सूची एक जगह ही बन जाएगी। इससे मतदाताओं को भी काफी सहूलियत होगी।