प्रयागराज

थानाध्यक्ष ने कोर्ट के आदेश के बाद अपने खिलाफ ही दर्ज किया मुकदमा

जिस समय मामले में शिकायत कोर्ट में की गई थी, उस समय थानाध्यक्ष आसपुर देवसरा थाने में ही बतौर सब इंस्पेक्टर तैनात थे।

प्रयागराजOct 11, 2017 / 02:10 pm

Akhilesh Tripathi

यूपी पुलिस

प्रतापगढ़. आसपुर देवसरा के थानाध्यक्ष दीनदयाल सिंह को जमीन से जुड़े एक मामले में न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद अपने ही खिलाफ एफआईआर दर्ज करना पड़ा। साल 2014 के मामले में कोर्ट में शिकायत की गई थी, उस समय दीनदयाल सिंह आसपुर देवसरा थाने में ही बतौर सब इंस्पेक्टर तैनात थे। न्यायालय के आदेश पर दीनदयाल सिंह के अलावा पट्टी के पूर्व एसडीएम जयनाथ, पूर्व क्षेत्राधिकारी ज्ञानेंद्र नाथ, पूर्व तहसीलदार चंद्रेश सिंह और तत्कालीन थानाध्यक्ष आद्या प्रसाद पांडेय समेत 13 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।
 

क्या है पूरा मामला:

आसपुर देवसरा थाना क्षेत्र के पूरे धनी गांव के रहने वाले अरुण कुमार उपाध्याय ने साल 2013 में अपने पड़ोसियों पर जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया था और इस संबंध में पुलिस के अधिकारियों से गुहार लगाई थी। पीड़ित अरुण कुमार के अनुसार उसकी जमीन को लेकर ग्राम प्रधान से विवाद चल रहा था। इस मामले में सिविल कोर्ट ने अरुण कुमार को बकायदे कब्जा दखल के लिए अपने कोर्ट से कब्जा दखल पेपर जारी किया था। लेकिन ग्राम प्रधान पति लालचंद पत्नी छोटकी देवी समेत गांव के ही कुछ दबंगों ने लगातार पीड़ित को परेशान किया और प्रशासन से मिलकर लेखपाल के माध्यम से गलत रिपोर्ट प्रशाशनिक अधिकारियों तक पहुचाते रहे। लेकिन पीड़ित का कब्जा बरकरार रहा। कब्जे से परेशान होकर ग्राम प्रधान पती व दबंगों ने पैसे के दम पर 23 जून 2014 को उप जिलाधिकारी पट्टी जय नाथ, तहसील दार पट्टी चंद्रेश सिंह, क्षेत्राधिकारी ज्ञानेन्द्र नाथ प्रसाद, एस आसपुर देवसरा, आद्या प्रसाद पांडेय समेत दर्जन भर पुलिस कर्मियों ने मिलकर आबादी की जमीन को गांव के ही प्रधानपति व जोखन लाल, हीरा लाल, राकेश कुमार, जमुना प्रसाद को कब्जा करवा दिया और पीड़ित अरुण कुमार व उनके चाचा रजपती को जेल भेज दिया। पीड़ित इस दौरान तीन दिन जेल में रहा।
 

पीड़ित जेल से निकलने के बाद लगातार आरटीआई के माध्यम से जानकारी जुटाता रहा और आसपुर देवसरा थाना अध्यक्ष से तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने की मांग करता रहा लेकिन वर्तमान थाना अध्यक्ष आसपुर देवसरा ने पीड़ित की एक न सुनी।
 

 

इसके बाद पीड़ित ने हाइकोर्ट में सारे आरोपियों के खिलाफ याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने पट्टी उप जिला अधिकारी से शपथ पत्र के साथ पूरे घटना क्रम की जानकारी मंगवाई। पट्टी के उप जिला अधिकारी के जानकारी देने के आधार पर हाइकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराए जाने का आदेश पीड़ित अरुण कुमार को दिया। परंतु जब पीड़ित अरुण कुमार कोर्ट का आदेश लेकर थाना आसपुर देवसरा पहुचा तो वर्तमान थाना अध्यक्ष ने आदेश की खिल्ली उड़ाते हुए अभद्र टिप्पणी भी की और पीड़ित को थाने से डांटकर भगा दिया। फिर पीड़ित अरुण कुमार ने हाइकोर्ट के आदेश का अनुपालन करवाने के लिए सीजेएम कोर्ट प्रतापगढ़ को पूरी जानकारी से अवगत कराया जिस पर सीजेएम कोर्ट प्रतापगढ़ ने वर्तमान थाना अध्यक्ष समेत समस्त आरोपियों के ऊपर समुचित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश थाना अध्यक्ष आसपुर देवसरा को दिया। तत्कालीन सब इंस्पेक्टर दीनदयाल वर्तमान में आसपुर देवसरा के थानाध्यक्ष हैं। कोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को उन्होंने 13 आरोपियों के साथ खुद के खिलाफ भी प्राथमिकी लिखी।
 

BY- Sunil Sombanshi

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