कोर्ट ने कहा कि अधिनियम की धारा 10 व 12 के अंतर्गत नाबालिग के मामलों में स्पेशल पुलिस यूनिट एवं चाइल्ड वेलफेयर पुलिस ऑफिसर कार्रवाई करते हैं। नाबालिग को 24 घंटे के भीतर बाल न्याय बोर्ड के सामने पेश करना होता है और जिसे जांच कर उचित आदेश पारित करने का अधिकार हैं। कोर्ट ने कहा है कि पुलिस नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार नही कर सकती। और विशेष कानून के तहत उसे संरक्षण प्राप्त है। ऐसे में यह कहना कि बोर्ड को अग्रिम जमानत देने का अधिकार नहीं है । इसलिए हाईकोर्ट या सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी की सुनवाई होनी चाहिएए विधिसम्मत नहीं है।