महाधिवक्ता की तरफ से जारी निर्देश के अनुसार न्यायालयों में सूचीबद्ध मुकदमों की फाइलें संबंधित पटल के प्रभारी एक दिन पहले ही उस कोर्ट के इंचार्ज को देंगे तथा कोर्ट इंचार्ज के माध्यम से वह फाइल विधि अधिकारियों को दी जाएगी। फाइलें वापस भी इसी तरीके से की जाएगी तथा कोर्ट इंचार्ज से होते हुए पटल अधिकारी तक जाएगी । महाधिवक्ता ने यह भी निर्देश दिया है कि जो विधि अधिकारी शहर छोड़ते हैं उनको लिखित रूप से इसकी सूचना महाधिवक्ता कार्यालय को देनी होगी । इसी प्रकार से जो फाइलें विधि अधिकारियों को शपथ पत्र, अपील लिखवाने के लिए आवंटित की गई है, वह फाइलें लिखे जाने के बाद ही वापस की जाएगी। यदि किसी वजह से बिना लिखा फाइल वापस की जाती है तो उसका लिखित कारण बताना होगा।
महाधिवक्ता ने यह भी निर्देश दिया है कि जिन मुकदमों में सरकार के खिलाफ आदेश होता है अथवा सरकारी अधिकारियों को न्यायालय तलब करता है, उसकी सूचना महाधिवक्ता को ईमेल के जरिए देनी होगी ताकि समय रहते उस पर कार्रवाई की जा सके । इन सभी निर्देशों को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। महाधिवक्ता के इस फरमान से सरकारी वकीलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं एक तो उन्हें हर दिन अपनी हाजिरी देनी होगी और दूसरे जिन मुकदमों में पैरवी की गई है उनका रजिस्टर भी मेंटेन करना पड़ेगा। जिसकी जांच कभी भी की जा सकती है।
BY- Court Corrospondence