जिसके खिलाफ एस एल पी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी और एक हफ्ते में बच्चे को माता पिता को सौंपने का निर्देश दिया है।
इसके बावजूद आदेश का पालन नहीं किया गया तो कोर्ट ने एस एच ओ खुल्दाबाद को बच्चे को पेश करने का निर्देश दिया था।
इसके बावजूद आदेश का पालन नहीं किया गया तो कोर्ट ने एस एच ओ खुल्दाबाद को बच्चे को पेश करने का निर्देश दिया था।
याची सहित एस एच ओ एवं माता पिता हाजिर हुए।जिसपर कोर्ट ने तत्काल बच्चे को माता पिता को सौंपने का आदेश दिया। जिलाधिकारी का कहना था कि अवमानना याचिका हाईकोर्ट के बजाय सुप्रीम कोर्ट में होनी चाहिए। कोर्ट ने विपक्षियों को आरोप पत्र निर्मित करने के लिए तलब किया है।
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कोर्ट ने जुर्माने की वसूली पर रोक नहीं लगाई किंतु छूटने के तीन माह में जमा करने का आदेश दिया है। सजा के खिलाफ अपील की सुनवाई 23 जनवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति ओमप्रकाश तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने नेम सिंह की सजा के खिलाफ अपील पर दाखिल जमानत अर्जी पर दिया है। अर्जी पर अधिवक्ता अभिषेक चौहान ने बहस की।