मामले में सुनवाई करते हुए यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल एवं न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने प्रह्लाद कृष्ण शुक्ल की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी।
मामले में अधिवक्ता प्रेमचंद्र पांडेय ने बहस की और याचिका में कहा गया है कि मथुरा वृंदावन में आवासीय क्षेत्र में निर्धारित मास्टर प्लान के विपरीत बड़े पैमाने पर कामर्शियल गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। जिसकी वजह से वृंदावन का प्राचीन स्वरूप प्रभावित हो रहा है। इसके साथ ही यहां के पर्यावरण को भी बड़ी क्षति पहुंच रही है।
यह भी पढ़ें