प्रयागराज

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षक भर्ती में हुई बड़ी धांधली ,हुआ इन नामो का खुलासा…

पूरब के आक्सफोर्ड में फिर आमने सामने आया विवि प्रशासन और छात्रसंघ,सीबीआई जाँच की मांग

प्रयागराजAug 18, 2018 / 03:45 pm

प्रसून पांडे

allahabad university vc

इलाहाबाद:इलाहाबाद विश्वविद्यालय और विवि से संबंधित महाविद्यालयों में शिक्षक भर्ती में धांधली और पक्षपात का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। हालांकि केंद्र सरकार ने शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को आरक्षण के मुद्दे के चलते आगामी निर्णय तक टाल दिया है। देश में 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की सरगर्मी शुरू हो गई है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र संघ के तत्कालीन पदाधिकारी विश्वविद्यालय और कुलपति के खिलाफ खुलकर मैदान में उतर चुके हैं।

फिर विवि प्रशासन और छात्रसंघ आमने सामने
शिक्षक भर्ती में धांधली के आरोपों को लेकर बीते एक सप्ताह से विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन पर क्रमिक अनशन जारी है। इस बीच विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष अवनीश यादव पर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की गई लॉ सेकंड ईयर की परीक्षा में अपनी कॉपी किसी और से लिखाने का आरोप लगाते हुए, विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनका परिणाम रोक दिया।जिसके बाद एक बार फिर विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र नेताओं में आमने.सामने ठन गई।

नियुक्ति में हुई भयंकर धांधली
छात्रसंघ अध्यक्ष अवनीश यादव ने विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति रतनलाल हंगालू पर गंभीर आरोप लगाते हुए पत्रिका को बताया कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति में भयंकर धांधली की गई है। महाविद्यालयों में और विश्वविद्यालय में भाई.भतीजावाद सर चढ़कर बोल रहा है।कुलपति की शह पर प्रोफेसरों के रिश्तेदार उनके बेटे और उनके भतीजे को नौकरी दी जा रही है।जिसके चलते आम प्रतियोगियों का नौकरी पाना मुश्किल ही नहीं बिल्कुल नामुमकिन हो चुका है।

48असिस्टेंट प्रोफेसर की लिस्ट दी
अवनीश यादव ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के शिक्षक भर्ती में चयनित ऐसे 48असिस्टेंट प्रोफेसर की लिस्ट दी है ।जिन पर कुलपति का हाथ है,उनके आशीर्वाद से नौकरी मिली है ।चयनित किये गए असिस्टेंट प्रोफेसर वरिष्ठ प्रोफेसरों के रिश्तेदार हैं, या उनके बेहद करीबी अवनीश का दावा है कि यह नियुक्तियां पक्षपातपूर्ण तरीके की गई है। जिसकी सीबीआई जांच की जानी चाहिए।

प्रोफेसरों पर कुलपति मेहरबान
अवनीश द्वारा दी गई सूची के अनुसार प्रोफेसरों की बेटी, बेटे ,भतीजे, पत्नी,भाभी और बहन शामिल है । इनमें कई विभागाध्यक्ष के रिश्तेदार है विश्वविद्यालय प्रशासन के खास माने जाने वाले प्रोफेसरों और उनके रिसर्च स्कॉलर भी इसमें नियुक्ति हुई हैं।

अवनीश के मुताबिक एक सीनियर प्रोफेसर के दो -दो तीन -तीन रिसर्च स्कॉलर का महाविद्यालयों में चयन किया गया है ।बताया कि एक वरिष्ठ प्रोफेसर के बेटे, भतीजे और उनके शोध छात्रो का अलग.अलग महाविद्यालयों में चयन किया गया है ।वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन के बेहद खास और कुलपति के दो ओएसडी को भी नियुक्ति मिली है,साथ ओएसडी की महिला मित्र को भी चयनित किया गया है ।एक प्रोफेसर ऐसे भी है, जो वर्तमान में तीन प्रमुख प्रमुख पदों पर है । और उनके बेटे का भी महाविद्यालय में चयन किया गया है ।अवनीश का दावा किया है की महिला सीट पर 30 वर्ष तक से अधिक समय तक ग्रहणी रही और अब 60 वर्ष में प्रोफेसर के पद पर नियुक्त की गई है । उनके पति विश्वविद्यालय के एक विभाग के एचओडी हैं

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