प्रयागराज

पश्चिमी यूपी में खण्डपीठ का विरोध, हाईकोर्ट में ठप रहा न्यायिक काम

प्रदेश के सुदूरवर्ती जिलों से आये वादकारियों को मुकदमों की सुनवाई न होने के चलते काफी परेशानी उठानी पड़ी।

प्रयागराजApr 06, 2018 / 08:00 pm

Akhilesh Tripathi

वकीलों का प्रदर्शन

इलाहाबाद. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की प्रस्तावित खण्डपीठ को लेकर केन्द्रीय विधिमंत्री के बयान से खफा हाईकोर्ट के वकीलों ने आज हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य नहीं किया। वकीलों के इस कार्य बहिष्कार के चलते न्यायिक काम पूरी तरह से ठप रहा। प्रदेश के सुदूरवर्ती जिलों से आये वादकारियों को मुकदमों की सुनवाई न होने के चलते काफी परेशानी उठानी पड़ी।
 

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्ताव पर वकीलों ने कोर्ट परिसर में प्रवेश करने वाले सभी गेटों पर खड़े होकर किसी भी वकील व वादकारियों को परिसर में नहीं घुसने दिया। वकीलों के इस बहिष्कार के चलते न्यायमूर्तिगण सुबह अपनी-अपनी अदालतों मे बैठे परन्तु वकीलों की अनुपस्थिति के चलते जज अपने चैम्बरों में वापस चले गए। परिणाम स्वरूप मुकदमों की सुनवाई नहीं हो सकी और मुकदमों में तारीखें पड़ गयी।
 

हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य बंद कराने के बाद सैकड़ों की संख्या में जुलूस निकाला और सुभाष चैराहे पर जाकर समाप्त हुआ। वकीलों ने हाईकोर्ट के विभाजन के हर प्रयास का विरोध किया। और कहा कि एक प्रतिनिधि मण्डल शीघ्र ही इस मुद्दे पर केन्द्रीय विधि मंत्री से मिलकर अपना कानूनी पक्ष रखेगा।
 

जुलूस का नेतृत्व बार के अध्यक्ष आई.के.चतुर्वेदी व महासचिव ए.सी.तिवारी ने किया। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारी व अन्य सदस्य भी आम सदस्य अधिवक्ताओं के साथ जुलूस में शामिल रहे। एक प्रदेश एक हाईकोर्ट एवं बेंच नहीं बनने देंगे के नारों के साथ अधिवक्ता पैदल मार्च कर रहे थे।
 

 

आईईआरटी कर्मियों के वेतनमान घटाने का मामला, मण्डलायुक्त से हलफनामा तलब
इलाहाबाद उच्च न्यायालय इंस्टीट्यूट आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड रूरल टेक्नाॅलाजी इलाहाबाद के कर्मचारियों का वेतनमान घटाने के खिलाफ समुचित जवाबी हलफनामा दाखिल न करने पर मण्डलायुक्त इलाहाबाद से दस अप्रैल तक व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है और कहा है कि यदि हलफनामा दाखिल नहीं करते तो वे स्वयं हाजिर हो।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने वीरेन्द्र कुमार पाण्डेय व 24 अन्य संस्थान के तष्तीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र का कहना है कि आठ याची लिपिक व शेष चतुर्थ श्रेणी कर्मी हैं। उन्हें क्रमशः 3050- 4590 व 2550-3200 का वेतनमान मिल रहा था। किन्तु निदेशक ने वेतनमान में कटौती कर दी।
 

निदेशक विमल मिश्र ने जवाबी हलफनामा दाखिल कर बताया कि पूर्व निदेशक के खिलाफ व्यापक अनियमितता की कार्यवाही चल रही है। किन्तु इसका दस्तावेजी साक्ष्य नहीं दिया। तो कोर्ट ने पूरे ब्यौरे के साथ हलफनामा मांगा। कई बार समय दिये जाने के बाद भी हलफनामा नहीं दाखिल करने पर कोर्ट ने मण्डलायुक्त से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है। याचिका की सुनवाई दस अप्रैल को होगी।
 

BY- Court Corrospondence

 

 

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