याचिका पर सीबीआई की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार यादव ने पक्ष रखा। मालूम हो कि एक मई 22को साढ़े तीन बजे दिन में एस एच ओ शैयदराजा उदय प्रताप सिंह पुलिस टीम के साथ मनराजपुर गांव के कन्हैया यादव के घर पर दबिश दी। कन्हैया के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी।ए डी एम चंदौली ने 6फरवरी 22को गुंडा घोषित किया था। पुलिस टीम को कन्हैया यादव नहीं मिले तो परिवार के सदस्यों की जमकर पिटाई की जिसमें 21वर्षीय छात्रा निशा यादव की पुलिस पिटाई से मौके पर ही मौत हो गई।
भाई याची का चालान कर दिया गया।पुलिस ने बहन गुंजा यादव की तरफ से एफ आई आर दी गई किन्तु उसे दर्ज नहीं किया गया। लोगों ने हाईवे जाम कर दिया।कमिश्नर के हस्तक्षेप व तहसीलदार से याची जमानत पर रिहा हुआ तो दूसरे दिन 2मई को 22पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की गई। सरकार ने पुलिस के खिलाफ केस की जांच सी बी सी आई डी को सौंप दी है।18मई से परिवार के सदस्यों का पुलिस ने धारा 161का बयान दर्ज किया।
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