डीएम ने कहा है कि लाक डाउन का उल्लंघन करने वाले से भी सख्ती से निपटा जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज कराये जा रहे हैं। जबकि आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को प्रशासन पास भी जारी कर रहा है। डीएम ने कहा है कि शहर से पैदल ही दूसरे जिलों और प्रदेशों का रुख कर रहे मजदूरों के ठेकेदारों से भी बातचीत की जा रही है और उनके ठहरने के लिए रैन बसेरों का भी इंतजाम किया जा रहा है। अस्पतालों को भी पूरी तरह से हर खतरे को लेकर तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं कई ऐसे लोग भी डीएम कार्यालय पर पहुंच रहे हैं जिनके बच्चे किसी दूसरे शहर में पढ़ाई करते हैं, लेकिन लाक डाउन के चलते वे उसी शहर में फंस कर रह गए हैं।
शहर में ऐसे सैकड़ो परिवार है जिनके बच्चे बाहर फंसे है। परिजनों के मुताबिक उनके बच्चे हास्टलों में अकेले रह गए हैं और खाने पीने और सुरक्षा का भी कोई इंतजाम नहीं है। जिसके चलते वे प्रशासन से अनुमति लेकर बच्चों के पास जाना चाहते हैं। ऐसे भी कई लोग आ रहे हैं जिनके परिजन लाक डाउन से पहले किसी शादी या अन्य समारोह में शिरकत करने दूसरे शहरों में गए थे। लेकिन अचानक कम्पलीट लाक डाउन के चलते उसी शहर में फंस कर रह गए हैं। इस तरह की समस्याओं से जूझ रहे बड़ी संख्या में लोग अब जिलाधिकारी के कार्यालय पर पहुंच रहे हैं और डीएम से पास बनाये जाने की मांग भी कर रहे हैं। लेकिन लाक डाउन के चलते फिलहाल डीएम ने ऐसे लोगों को कोई राहत देने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है।