दरअसल, 26 जनवरी 1997 में दिनदहाड़े पांच लोगों की हत्या कर दी गई थी। साथ ही पांच अन्य घायल भी हुए थे। मृतकों में एक नौ साल का बच्चा भी शामिल थी। इस हत्याकांड ने बुंदेलखंड ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों को हिलाकर रख दिया था। हत्याकांड में विधायक अशोक चंदेल, उनके निजी गनर सहित 11 लोगों को नामजद किया गया था। इसके बाद विधायक चंदेल को जेल भी हुआ था।
इस मामले में निचली अदालत ने किया था बरी
विधायक अशोक चंदेल को हत्याकांड के मामले में निचली अदालत ने बरी कर दिया था। जिसके बाद बरी करने वाले जज अश्विनी कुमार जांच के बाद बर्खास्त कर दिए गए थे।
चंदेल ने जेल में रहकर ही लड़ा था चुनाव
चंदेल ने जेल में रहकर ही चुनाव लड़ा और सांसद बन गए। विधायक चन्देल के निजी गनर रुक्कू को इस सामूहिक हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई थी। जिला जज ने उसे दोषी करार दिया था। सजा के बाद खुद अशोक चंदेल और उनके साथ सामूहिक हत्याकांड में बरी हुए दस अन्य लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी थीं।
चंदेल ने जेल में रहकर ही चुनाव लड़ा और सांसद बन गए। विधायक चन्देल के निजी गनर रुक्कू को इस सामूहिक हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई थी। जिला जज ने उसे दोषी करार दिया था। सजा के बाद खुद अशोक चंदेल और उनके साथ सामूहिक हत्याकांड में बरी हुए दस अन्य लोगों की मुश्किलें बढ़ गयी थीं।
BY- Prasoon Pandey