मतदान के समय सही मतदान के लिए दो मापदण्ड अपनाये गये थे। पहला कि सभी मतदाताओं का फोटों खींचना व दूसरा मतपत्र देने से पहले मतदाता सूची पर उनके हस्ताक्षर लेना। ओझा का कहना है कि 7522 वोटों से हुए हस्ताक्षर हुए हैं या नहीं। ओझा ने 5 फरवरी तक जानकारी मांगी थी किन्तु मुख्य चुनाव अधिकारी वी.सी.मिश्र की तबियत अचानक खराब होने के कारण उपलब्ध नहीं करायी जा सकी। ओझा ने हस्ताक्षरयुक्त मतदाता सूची को सील करा दिया है और कहा है कि यदि हस्ताक्षर व पड़े वोट लगभग समान होंगे तो उन्हें आपत्ति नहीं होगी। इनकी आशंका है कि 500से अधिक वोट बिना हस्ताक्षर व फोटोग्राफ लिये डाले गये हैं। श्री ओझा ने अपनी शिकायत एल्डर कमेटी के सभी सदस्यों को भेजी है।
इसके चलते 6 फरवरी को मतगणना नहीं हो सकेगी। एल्डर कमेटी के वरिष्ठ सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता एन.सी.राजवंशी ने बताया कि ओझा की शिकायत पर 6 फरवरी को एल्डर कमेटी की बैठक में विचार किया जायेगा। दूसरी तरफ सुनीता शर्मा की चुनाव में अनियमितता को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई भी 6 फरवरी को होनी है। संयुक्त सचिव प्रशासन योगेन्द्र जायसवाल ने भी याचिका दाखिल कर चुनाव की वैधता को चुनौती दी है। बैलेट पेपर पर उनका नाम नहीं छप पाया था, हालांकि समझाने पर उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था किन्तु मौखिक आश्वासन के बाद अब उन्होंने चुनौती दी है।
By Court Correspondence