प्रयागराज

सुपरटेक चेयरमैन को पांच जून तक सरेंडर करने का अल्टिमेटम

उच्च न्यायालय ने खत्म किया स्टे।
इंदिरापुरम की हरित पट्टी पर दुकान बना बेचने का मामला

प्रयागराजMay 16, 2019 / 01:37 pm

रफतउद्दीन फरीद

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प्रयागराज. रियल इस्टेट क्षेत्र की अग्रणी कं पनी सुपर टैक के निदेशक को अदालत से बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हरित पट्टी पर दुकान बनाकर बेचने के मामले में पूर्व में जारी स्थगनादेश को समाप्त कर दिया। कम्पनी के निदेशक समेत चारों आरोपियों को 30 दिन के भीतर निचली अदालत में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया हैऔर कहा है कि वे यदि जमानत अर्जी देते है तो अमरावती केस के फैसले के अनुसार उसे निर्णीत की जाय। यह अवधि पांच जून को पूरा होगी।
 

मालूम हो कि वैशाली में रहने वाली महिला सोनम रुंगटा ने सुपरटेक के निर्माणाधीन व्यावसायिक कांप्लेक्स में वर्ष 2006 में 15 लाख 70 हजार रुपये में दुकान लिया था। हरित पट्टी पर बनी दूकानों को जीडीए ने अवैध बताकर ध्वस्त कर दिया था। तब रुंगटा ने बिल्डर कंपनी के पदाधिकारियों से अपने पौने अठारह लाख रुपये मांगे थे। रुपये नहीं देने पर इंदिरापुरम थाने में मुकदमा करा दिया था। रिपोर्ट में धोखाधडी किए जाने में सुपर टैक के चैयरमेन आरके अरोड़ा, ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर संगीता अरोड़ा, प्रबंध निदेशक मोहित अरोड़ा और निदेशक जीएल खेड़ा को नामजद कराया था। सीजेएम कोर्ट ने बीते वर्ष सभी आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसके बाद आरोपियों ने उच्च न्यायालय से याचिका दायर कर गिरफ्तारी पर रोक का आदेश प्राप्त कर लिया था। यह आदेश जस्टिस एस डी सिंह ने दिया है।
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