सोमवार 2 सितम्बर को 10 बजे शुरू हुई आम सभा में मुख्यमंत्री से मिलने गए प्रतिनिधि मंडल ने अपनी रिपोर्ट पेश दी। वकीलों की आमसभा जारी थी इसी बीच कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ का संदेश आया और सभा 1 बजे तक स्थगित रख बार के पदाधिकारी मंत्री से मिलने चले गए और मंत्री से मिलकर वापस लौट महासचिव जे बी सिंह ने रिपोर्ट दी। सभा में पूर्व अध्यक्ष व बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन वी सी मिश्र ,पूर्व अध्यक्ष आर के ओझा,पूर्व अध्यक्ष आई के चतुर्वेदी,पूर्व अध्यक्ष सी एल पांडेय,पूर्व महासचिव ओ पी सिंह व संयुक्त सचिव प्रशासन प्रियदर्शी त्रिपाठी ने विचार रखे।
अध्यक्ष राकेश पांडेय ने बार को बताया कि रविवार को लखनऊ मे मुख्यमंत्री से वार्ता सार्थक,सकारात्मक व सौहार्दपूर्ण रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे दरवाजे बार के लिए सदैव खुले है। 10 बजे शुरू हुई बार की सभा हंगामेदार रही।आंदोलन को स्थगित करने की आहट मात्र से अधिवक्ता उत्तेजित होते रहे। बीच में सभा स्थगित हुई और एक बजे जब दुबारा शुरू हुई तो अधिवक्ताओं का आंदोलन जारी रखने का भारी दबाव बना रहा ।जोशपूर्ण भाषण के बीच बार ने न्यायिक कार्य बहिष्कार का प्रस्ताव पारित किया और लक्ष्य की प्राप्ति तक आंदोलन जारी रखने व प्रतिदिन आम सभा में रणनीति तय करने का फैसला लिया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता ए एन त्रिपाठी ने 1976 में लखनऊ में गठित राज्य सेवा अधिकरण व वर्तमान शिक्षा सेवा अधिकरण की संवैधानिकता को याचिका के माध्यम से चुनौती देने का सुझाव दिया है और कहा है कि यदि बार अनुमति देती है तो वह याचिका दाखिल करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब शिक्षा सेवा अधिकरण का प्रस्ताव रखा गया तो मंत्रिमंडल में प्रयागराज के प्रतिनिधि क्यों चुप रहे और प्रयागराज के विधायक क्यों सोते रहे। अधिनियम पास हो गया और हाई कोर्ट बार को भनक नही लगी। यह दुखद स्थिति है। बार के आंदोलन में जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करने का त्रिपाठी ने सुझाव दिया।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की वकीलों से तत्काल न्यायिक काम करने की अपील
इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने न्यायिक काम करने से विरत वकीलों से अनुरोध किया है कि वे तत्काल न्यायिक काम करने मे सहयोग करे । हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल कै तरफ से जारी विज्ञप्ति मे कहा गया है कि चीफ जस्टिस ने भी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष से वकीलों के कार्य बहिष्कार को खत्म कर काम पर वापस आने का अनुरोध किया है । रजिस्ट्रार जनरल ने कहा है कि 27 अगस्त से हाईकोर्ट मे वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते न्यायिक काम बुरी तरह से प्रभावित हुआ है । सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश मे इसे सही नहीं ठहराया है ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने न्यायिक काम करने से विरत वकीलों से अनुरोध किया है कि वे तत्काल न्यायिक काम करने मे सहयोग करे । हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल कै तरफ से जारी विज्ञप्ति मे कहा गया है कि चीफ जस्टिस ने भी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष से वकीलों के कार्य बहिष्कार को खत्म कर काम पर वापस आने का अनुरोध किया है । रजिस्ट्रार जनरल ने कहा है कि 27 अगस्त से हाईकोर्ट मे वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते न्यायिक काम बुरी तरह से प्रभावित हुआ है । सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश मे इसे सही नहीं ठहराया है ।
मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वकील लखनऊ मे शिक्षा ट्रिब्यूनल बनाने का विरोध कर रहे हैं । उनकी मांग है कि हाईकोर्ट की प्रिंसिपल पीठ इलाहाबाद मे होने के नाते कानून के मुताबिक सभी ट्रिब्यूनल का गठन इलाहाबाद मे ही होना चाहिए । प्रदेश के चीफ मिनिस्टर से भी हाईकोर्ट के वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को मिला है ।
BY- Court Corrospondence