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Mahakumbh Prayagraj: तो बदल जायेंगे पेशवाई और शाही स्नान जैसे उर्दू शब्द, सीएम योगी कर सकते हैं नए नाम की घोषणा

Prayagraj News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 6 अक्तूबर को प्रयागराज का प्रस्तावित कार्यक्रम है, यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन मुख्यमंत्री महाकुंभ का "लोगो" जारी करेंगे, इसके अलावा और भी बहुत कुछ परिवर्तन होंगे।

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सनातन संस्कृति के अद्भुत महाकुंभ और कुंभ में इस्तेमाल होने वाले शाही स्नान और पेशवाई जैसे शब्द इस बार शायद न सुनंने को मिले। 2025 में प्रयागराज की त्रिवेणी पर लगने वाले महाकुंभ में इनकी जगह अलग नाम रखने की मांग अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के के घटक ने की है।उसका मानना है कि शाही स्नान और पेशवाई शब्द उर्दू हैं जो मुगलों ने दिए हैं, कहा जा रहा है कि 6 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारी का जायजा लेने पहुंचेंगे तो नए नाम की घोषणा भी हो सकती है।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् की तरफ से शाही स्नान की जगह राजसी स्नान और पेशवाई की जगह छावनी प्रवेश रखने का सुझाव दिया गया है।कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साधु-संतों से महाकुंभ को लेकर सुझाव मांगे थे। जिसमें यह सुझाव भी जब मुख्यमंत्री प्रयागराज पहुंचेंगे तो रखा जाएगा।

महाकुंभ का "लोगो" करेंगे लॉन्च

सीएम योगी आदित्यनाथ 6 अक्टूबर की सुबह 10 बजे प्रयागराज आएंगे। वे यहां महाकुंभ का "लोगो" जारी करेंगे. साथ ही महाकुंभ की वेबसाइट और मोबाइल एप को भी लॉन्च करेंगे। इसके अलावा संस्थाओं को जमीन व सुविधाएं दिए जाने के लिए बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ करेंगे। सीएम योगी महाकुंभ की तैयारियों की भी समीक्षा करेंगे।आस्था के सबसे बड़े मेले के लिए कराए जा रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे। सीएम योगी तकरीबन सवा छह घंटे तक प्रयागराज में रहेंगे।इस दौरान सीएम योगी शाही स्नान के साथ ही महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्वों की तारीखों का भी औपचारिक तौर पर ऐलान कर सकते हैं।

साधु-संतों के साथ करेंगे बैठक मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अखाड़ों के साथ ही अलग-अलग संप्रदायों के संत महात्माओं के साथ बैठक करेंगे। सीएम योगी संतों से भी महाकुंभ की तैयारियों को लेकर सुझाव मांगेंगे।उम्मीद जताई जा रही है कि सीएम योगी साधु संतों की मांग को मंजूर करते हुए पेशवाई और शाही स्नान जैसे शब्दों को बदलकर इसकी जगह कोई नया नाम दे सकते हैं।सीएम योगी के साथ बैठक से पहले अखाड़ों के संत महात्मा अपने प्रस्ताव तय करने के लिए अलग-अलग बैठकें कर रहे हैं।