क्या था पूरा मामला मऊ में 2009 में ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह ‘मन्ना सिंह’ व राजेश राय की सरेआम अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में गवाह राम सिंह मौर्य को जान का खतरा बताने के बाद सुरक्षा मुहैया करायी गयी। बावजूद इसके साल 2010 की 19 मार्च को राम सिंह मौर्य व उनके गनर कांस्टेबल सतीश सिंह को गोलियों से भून दिया गया। लम्बे समय तक मऊ के सेशंस कोर्ट में मुकदमा विचाराधीन रहा। कुछ महीने पहले मामले में मुख्तार समेत आठ आरोपपी दोषमुक्त किये गए। अब यह मुकदमा माननीयों के लिये बनी विशेष अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया है, जहां मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी गयी थी। अब रामसिंह मौर्य की हत्या मामले के सिलसिले में गैंग्स्टर की धाराओं में भी याचिका देने से कोर्ट ने इनकार कर बाहुबली विधायक को बड़ा झटका दिया है।
By Court Correspondence