प्रयागराज

2019 लोकसभा चुनाव के पहले बाहुबली मुख्तार अंसारी को सबसे बड़ा झटका

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले लगातार बढ़ती ही जा रही हैं।

प्रयागराजJan 06, 2019 / 10:27 am

रफतउद्दीन फरीद

मुख्तार अंसारी

प्रयागराज. बहुजन समाज पार्टी से विधायक और यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के लिये बुरी खबर है। 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके बाहर आने की उम्मीद कम ही लग रही है। इलाहाबाद में बनी एमपी एमएलए विशेष कोर्ट ने उन्हें झटका देते हुए 2010 में मन्ना सिंह ठेकेदार हत्याकांड के गवाह व उसके गनर की हत्या के सिलसिले में मऊ के दक्षिणटोला थाने में दर्ज गैंग्स्टर के मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है। याचिका एमपी एमएलए कोर्ट पवन कुमार तिवारी ने खारिज की। उनके वकील की दलील के बाद अपर शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार गुप्ता ने इसका विरोध किया, जिसके बाद कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
 

क्या था पूरा मामला

मऊ में 2009 में ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह ‘मन्ना सिंह’ व राजेश राय की सरेआम अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में गवाह राम सिंह मौर्य को जान का खतरा बताने के बाद सुरक्षा मुहैया करायी गयी। बावजूद इसके साल 2010 की 19 मार्च को राम सिंह मौर्य व उनके गनर कांस्टेबल सतीश सिंह को गोलियों से भून दिया गया। लम्बे समय तक मऊ के सेशंस कोर्ट में मुकदमा विचाराधीन रहा। कुछ महीने पहले मामले में मुख्तार समेत आठ आरोपपी दोषमुक्त किये गए। अब यह मुकदमा माननीयों के लिये बनी विशेष अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया है, जहां मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी गयी थी। अब रामसिंह मौर्य की हत्या मामले के सिलसिले में गैंग्स्टर की धाराओं में भी याचिका देने से कोर्ट ने इनकार कर बाहुबली विधायक को बड़ा झटका दिया है।
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