यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी.केशरवानी ने भानु प्रताप यादव व अन्य की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि सी.टी.ई.टी. ने बुलेटिन जारी किया जिसमें टी.ई.टी.परीक्षा में बैठने के लिए 50 फीसदी अंक के साथ स्नातक व बी.एड को अर्हता में शामिल किया गया। कुछ ही समय बाद यह बुलेटिन हटा ली गयी। दो घंटे बाद केवल स्नातक 50 फीसदी अंक के साथ अर्हता की बुलेटिन जारी की गयी, बी.एड हटा लिया गया। इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। कोर्ट ने स्थिति स्पष्ट करने के लिए संक्षिप्त जवाब मांगा है।
By Court Correspondence