माघ मेले में बसंत पंचमी से धुनी तपस्या शुरू हो गई। साधु संत उपले का घेरा बनाकर पूजा करते हैं और धुनी लगाकर अनुष्ठान करते हैं। साधु संत उपले का घेरा बनाकर पूजा करते हैं और धुनी लगाकर अनुष्ठान करते हैं। तपस्या के दौरान कोई भी संत महात्मा पानी नहीं पीते हैं।
माघ मेले में बसंत पंचमी से धुनी तपस्या शुरू हो गई। साधु संत उपले का घेरा बनाकर पूजा करते हैं और धुनी लगाकर अनुष्ठान करते हैं। साधु संत उपले का घेरा बनाकर पूजा करते हैं और धुनी लगाकर अनुष्ठान करते हैं। तपस्या के दौरान कोई भी संत महात्मा पानी नहीं पीते हैं।