प्रयागराज

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम बदलने की तैयारी तेज, अगली बैठक में प्रस्ताव पर लग सकती है मुहर

इलाहाबाद शहर और जंक्शन का नाम बदलने के बाद अब जल्द ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वर्षों पुराने नाम में परिवर्तन किया जा सकता है

प्रयागराजMar 20, 2020 / 03:04 pm

Karishma Lalwani

इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम बदलने की तैयारी तेज, अगली बैठक में प्रस्ताव पर लग सकती है मुहर

लखनऊ. इलाहाबाद शहर और जंक्शन का नाम बदलने के बाद अब जल्द ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad University) के वर्षों पुराने नाम में परिवर्तन किया जा सकता है। एमएचआरडी के अनु सचिव राजू सारस्वत ने नाम परिवर्तित करने को लेकर यूपी के मुख्य सचिव और प्रयागराज मंडल के आयुक्त की ओर से मंत्रालय को भेजे गए पत्र पर विचार करने के लिए इसे इविवि के रजिस्ट्रार के पास भेजा है। इस प्रस्ताव को कार्य परिषद के एजेंडे में शामिल कर लिया गया है और अगली बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगाई जा सकती है। हालांकि कुछ छात्र संगठनों ने इसका विरोध किया है।
कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर ने इविवि प्रशासन के समक्ष विश्वविद्यालय का नाम ‘प्रयागराज विश्वविद्यालय’ किए जाने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद इविवि प्रशासन ने इस दिशा में प्रयास तेज कर दिए। इस बाबत पूर्व कमिश्नर डॉ. आशीष गोयल की ओर से 27 नवंबर 2019 को इविवि प्रशासन को पत्र भेजा गया था। इससे पूर्व मुख्य सचिव की ओर से भी अक्तूबर 2018 में इविवि प्रशासन को इस संबंध में पत्र जारी किया गया था और 10 फरवरी, 2020 को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के अनु सचिव राजू सारस्वत की ओर से भी पत्र जारी कर दिया गया था।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने तमाम पत्रों को संज्ञान में लेते हुए इविवि का नाम बदलकर प्रयागराज विश्वविद्यालय किए जाने से संबंधित प्रस्ताव को कार्य परिषद के एजेंडे में शामिल किया है। इस पर 16 मार्च को निर्णय आना था लेकिन कोरोना वायरस के चलते इविवि प्रशासन ने कार्य परिषद की बैठक स्थगित कर दी थी। लेकिन परिषद की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाएगा।
नाम बदलने पर विरोध

18 अक्टूबर, 2018 को इलाहाबाद शहर का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया था। तब इसका नाम बदलने को लेकर काफी आलोचनाएं हुई थीं। कुछ फैसले के पक्ष में थे तो कुछ ने इसका विरोध किया था। अब इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम बदले जाने के प्रस्ताव का विरोध शुरू हो चुका है। बृहस्पतिवार को इसके विरोध में छात्रों ने छात्रसंघ भवन पर कार्यवाहक कुलपति प्रो. आरआर तिवारी का पुतला फूंका। छात्रों ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय का सवा सौ साल से पुराना इतिहास है और यह अपने नाम में ही तमाम स्वर्णिम इतिहास समेटे हुए है। विश्वविद्यालय का नाम ही उसकी धरोहर है और इससे छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जागी। छात्रों ने प्रस्ताव की निंदा की।
पत्र लिखकर प्रस्ताव का विरोध

इलाहाबाद छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह ने सांसद विनोद सोमकर को पत्र लिखकर नाम बदले जाने के अपने प्रस्ताव पर विरोध दर्ज किया है। ऋचा ने कहा है कि इविवि का 132 साल पुराना गौरवशाली इतिहास रहा है। यह नाममात्र संज्ञान नहीं है, बल्कि विशेषणों का समूह है। इसका नाम बदलने से लाखों पुरा छात्रों की डिग्री पर संकट आ सकता है और एक बड़ी पहचान भी संकट में पड़ जाएगी। ऋचा ने मांग की है कि विश्वविद्यालय का नाम न बदला जाए।
ये भी पढ़े: बॉलीवुड की मशहूर सिंगर को कोरोना, हाई प्रोफाइल पार्टी में हुई थीं शामिल, कई ब्यूरोक्रेट्स ने की थी शिरकत

Home / Prayagraj / इलाहाबाद विश्वविद्यालय का नाम बदलने की तैयारी तेज, अगली बैठक में प्रस्ताव पर लग सकती है मुहर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.