याची की ओर से कहा गया कि उसने पीडि़ता की रजामंदी से उसके साथ शादी की है। पीडि़ता ने अपने बयान में यह बात स्वीकार की है। रिकॉर्ड पर दुष्कर्म से जुड़ा कोई ऐसा प्रमाण नहीं है। पीडि़ता की उम्र 18 साल से अधिक है। इस पर कोर्ट ने पहले पॉक्सो एक्ट की धारा को रद्द कर दिया। इसके बाद कहा कि जब पीडि़ता बालिग है। अपनी इच्छा से आरोपी से शादी की है। दोनों के बीच आपसी समझौता भी है। निचली अदालत ने इसकी पुष्टि कर दी है लिहाजा, प्राथमिकी रद्द किए जाने योग्य है।