प्रयागराज

#KUMBH 2019: रूस की ये महिला हुई भारतीय संस्कृति की दीवानी, संगीत की दुनिया छोड़ अपना लिया आध्यात्म, पढ़िये ये रौचक कहानी

अपना काम ही नहीं, अपना नाम भी बदल लिया इस रूसी महिला ने।

प्रयागराजJan 17, 2019 / 09:10 pm

धीरेंद्र यादव

Russian women

प्रयागराज। भारतीय संस्कृति भी अद्भुत है, जिसने भी इसे पहचाना, वो यहां के रंग में रंग गया। ऐसा ही हुआ कुछ इस रूसी महिला के साथ। भारतीय संस्कृति से जब परिचय हुआ, तो इस महिला ने अपना काम ही नहीं, बल्कि अपना नाम भी बदल लिया। रूस के संगीत की दुनिया में नाम बुलंद करने वाली ये महिला अब कृष्णा गिरी के नाम से जानी जाती हैं। पढ़िये सुधीर पंडित की खास रिपोर्ट।
ये बोलीं कृष्णा गिरी
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति ने मेरी साधना को गहरा किया। जब भारत की संस्कृति और मंत्रों को जाना तो मेरे जीवन में काफी परिवर्तन आया। रूस में भारत की संस्कृति का प्रचार कर रहे हैं। बड़ी संख्या में बाबा के शिष्य रूस में बढ़ रहे हैं। पायलट बाबा की शिष्य कृष्णा गिरी ने बताया कि न केवल उन्होंने अपना नाम बदला बल्कि जीवन में भी काफी बदलाव हुआ। उन्होंने चर्चा में बताया कि प्रत्येक संत अच्छा होता है, सभी की आत्मा बहुत सुंदर होती है। किसी की तुलना नहीं करना सही नहीं है।
बताया क्यों चुना आध्यात्म का रास्ता
कृष्णा गिरी ने बताया कि सन्यास का रास्ता इसलिए चुना, क्योंकि सच्ची शांति आध्यात्म में ही मिलती है। यह कोई बढ़ा परिवर्तन नहीं है। अपने देश में भी जाते हैं। गुरु भाई के साथ पूजा-आरती करते हैं। शिवरात्रि, जन्माष्टमी सहित कई पर्व रूस में मनाते हैं। लोग हमें देखते हैं और पूछते हैं, तो उसकी जानकारी भी देते हैं। हमारे देश में दूसरी तरह का जीवन देखते हैं, तो पूछते है। गायिका होने से रूस में भी हिंदू धर्म के श्लोक और मंत्र भी गाती हूं।
भारतीय संस्कृति ने मुझे किया आकर्षित
उन्होंने बताया कि योग में अधिक रुचि थी। अपने देश में योग क्लास शुरू की। भारतीय संस्कृति ने मुझे अपनी तरफ आकर्षित किया। भारत की संस्कृति अच्छी लगती है। यहां आकर संस्कृति को जाना और सीखा। हिंदी के साथ संस्कृत भी सीखी। सन्यासी जीवन अच्छा लगता है। मेरे जीवन में काफी परिवर्तन आया है। मेरी साधना संगीत है।
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