प्रयागराज

राममंदिर पर झुकने को तैयार नहीं शंकराचार्य, कहा 21 को हर हाल में होगा शिलान्यास, 10 से अयोध्या कूच करेंगे संत

द्वारिका-शारदा पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वरूपानंद सरस्वती ने दोहराया कि 21 फरवरी को हर हाल में राममंदिर का शिलान्यास होगा।

प्रयागराजFeb 08, 2019 / 04:26 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

प्रयागराज। राममंदिर मुद्दे पर सरकार के खिलाफ बिगुल बजाने वाले द्वारिका-शारदा पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वरूपानंद सरस्वती ने अपनी गिरफ्तारी की आशंका जतायी है। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि 21 फरवरी को हर हाल में राममंदिर का शिलान्यास होगा। इसके लिए 10 फरवरी के बाद कुंभ से ही संत अयोध्या के लिए कूच करेंगे।
बता दें कि कुंभ में पिछले दिनों हुई परमधर्मसंसद में शंकराचार्य जगद्गुरु स्वरूपानंद सरस्वती ने धर्मादेश जारी कर 21 फरवरी को राममंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास की बात कही थी। उन्होंने संतों की मांग पर यह कहा था कि दस फरवरी से कुंभ से ही संत अयोध्या के लिए कूच करेंगे।
परमधर्मसंसद के अयोध्या राममंदिर मुद्दे पर ऐलान के बाद राममंदिर का मुद्दा गरमा गया था। उधर, परमधर्मसंसद के अगले दिन से विहिप की धर्मसंसद में राममंदिर मुद्दे को कोई साफ निर्णय नहीं हो सका। संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित अन्य लोगों की मौजूदगी में इस धर्मसंसद में यह निर्णय हुआ कि चुनाव तक केवल राममंदिर के लिए संकल्प लिया जाएगा। विहिप के इस कदम से मौके पर मौजूद तमाम संतों ने नाराजगी भी जतायी थी। यही नहीं विहिप की धर्मसंसद से अखाड़ों ने साफ तौर पर किनारा कस लिया था।
यही नहीं राममंदिर मुद्दे पर मुखर हुए संतों को मनाने के लिए विहिप, संघ और भाजपा के बड़े नेता लगे हुए हैं। परंतु एक बार फिर शंकराचार्य ने अपनी बात पर अडिग रहने की बात दोहराई है। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में 21 फरवरी को राममंदिर के लिए शिलान्यास होगा। उन्होंने आशंका जतायी है कि उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि वो हर हाल में राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास करने जाएंगे भले ही सरकार रोकने की कोशिश करे। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो गांधी जी ने जिस तरह देश के लिए सविनय अवज्ञा आंदलोन किया था उसी तरह हम भी सविनय अवज्ञा आंदोलन करेंगे।
उन्होंने सवाल किया कि क्या कारण है कि उनको रोकने की कोशिश हो रही है। अंग्रेजों के राज में भगवान श्रीराम के चित्र होते थे लेकिन देश में हमारी अपनी सरकार है तो हम अपने राम का मंदिर तक नहीं बनवा सकते।
उन्होंने कहा कि अयोध्या जाने के दौरान सरकार उनकी गिरफ्तारी करा सकती है। लेकिन हम किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि विहिप की धर्मसंसद में कोई संत नहीं गया था। सभी संतों ने विहिप की धर्मसंसद का बहिष्कार किया था। सभी संत हमारे साथ हैं। कुछ लोग केवल श्रेय लेने के चक्कर में पड़े है।
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