प्रयागराज

एक बार कहने पर सुमित ने आशुतोष को दे दी थी अपनी पिस्टल, उसी से हुई हत्या

क्या जेल से रची गई सुमित की हत्या की साजिश

प्रयागराजNov 02, 2018 / 10:10 pm

प्रसून पांडे

sumit shukla

प्रयागराज। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में हुई इनामी छात्रनेता अच्युतानंद शुक्ला उर्फ सुमित शुक्ला की हत्या की पहेली नहीं सुलझ रही है। सुमित को जानने वाले लोगों को भी समझ नहीं आ रहा है कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि सुमित को भाई मानने वाले आशुतोष ने ही उसे गोली मार दी। सुमित के करीबियों का कहना है कि उसने ही आशुतोष को चुनाव लड़वाया और हर तरीके से उसकी मदद की। दोनों एक दूसरे के साये की तरह थे। यही कारण है कि सुमित ने एक बार कहने पर आशुतोष को गाड़ी और अपनी पिस्टल तक दे दी थी। कुछ छात्रों ने बताया कि तीन साल से आशुतोष त्रिपाठी पीसीबी में सुमित के ही कमरे में रहता था। उसी के साथ चलता था। ज्यादातर लोगों को यही लगता था कि आशुतोष सुमित का छोटा भाई या करीबी रिश्तेदार है।

एक बार कहने पर सुमित ने दे दी थी पिस्टल
बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जिसके चलते आशुतोष ने सुमित की हत्या कर दी। पुलिस एफआईआर दर्ज करने के बाद से लगातार आशुतोष की तलाश में छापे मार रही है लेकिन शुक्रवार शाम तक उसका पता नहीं चल सका है। जानकारी के मुताबिक तीन—चार दिन पहले ही आशुतोष को सुमित ने कुछ पैसे दिए थे। छात्र संघ चुनाव जीतने के बाद आशुतोष के दुश्मनों की संख्या भी बढ़ गई थी। इस पर उसने सुमित से असलहा मांगा था। इस पर अच्युतानंदन ने उसे एक पिस्टल और पांच कारतूस दिए थे। सुमित को नहीं पता था कि जिनके नाम से लोग खौफ खाते हैं वह खुद अपनी मौत का सामान साथी को दे रहा है।

क्या जेल से रची गई सुमित की हत्या की साजिश
इस बीच पुलिस सूत्रों के मुताबिक सुमित हत्याकांड में पुुलिस आशुतोष की तलाश तो कर ही रही है साथ ही सुमित से खुन्नस रखने वालों की भी जांच कर रही है। जांच से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि आशुतोष की अकेले इतनी हिम्मत नहीं हो सकती कि वह सुमित को गोली मार दे। हो सकता है इसके पीछे किसी और का हाथ हो जिसने आशुतोष के हाथों यह कांड करवाया। पुलिस हालांकि अभी किसी का नाम नहीं ले रही है, लेकिन जेल में बंद एक छ़ात्र नेता का नाम भी इसके पीछे लिया जा रहा है। छात्र राजनीति के जानकारों का कहना है कि हो सकता है कि सुमित शुक्ला के विरोधियों ने आशुतोष को बरगलाया होगा। इसके चलते आशुतोष ने हत्या कर दी।

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