प्रयागराज के पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के महंत दुर्गादास ने कहा, “हमें पूर्ण विश्वास है कि मंदिर प्रबंधन यह करतूत नहीं कर सकता। मामले में षडयंत्र की बू आ रही है। इसकी जांच होनी चाहिए।”
इस षड्यंत्र के माध्यम से हमारे सनातन धर्म पर चोट पहुंचाई गई है। तिरुपति बालाजी के प्रसाद के साथ कोई खिलवाड़ सहन नहीं किया जा सकता। तिरुपति बालाजी हमारी आस्था का केंद्र है। वहां राष्टपति भी मन्नत मांगने के लिए जाते हैं। वहां सभी धर्म के लोग जाते हैं।
महंत अद्वैधता नंदजी ने जांच की मांग की
इसी प्रकार महंत अद्वैधता नंदजी ने कहा, “तिरुपति बालाजी का मंदिर हमारे सनातन की धुरी है। दक्षिणी परंपरा में जो कर्मकांड, पूजा की विधि है, वह बहुत सशक्त है। वहां ऐसा नहीं होना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “हमें भी विश्वास नहीं होता है कि वहां यह सब चल रहा है। उन्होंने कहा कि मामले में कुछ गड़बड़ प्रतीत हो रहा है। शायद, बाहर के लोग ऐसा कर रहे होंगे, जिससे सनातन धर्म में विद्रोह पैदा हो। उन्होंने कहा कि इस मामले की जमीनी स्तर पर जांच हो। हमें इसमें षड्यंत्र की आशंका है।”
बता दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के
आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है।