FIR में खालिद जफर, मोहम्मद मुस्लिम, दिलीप कुशवाहा और अबूसाद को नामजद किया गया था। इनमें खालिद जफर वही शख्स था जो असलहों से लैस होकर उमेश पाल की जमीन पर कब्जा करने के लिए पहुंचा था।
उमेश पाल को धमकाते हुए अतीक के गुर्गों ने कहा था कि अतीक भाई का आदेश है कि पहले एक करोड़ दे दो, वरना इस जमीन को भूल जाओ। अगर एक करोड़ रुपये नहीं दिए तो मारे जाओगे। उमेश पाल ने रंगदारी देने के बजाय FIR दर्ज करवा दी थी। इससे साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद नाराज हो गया था।
24 जनवरी को हुई थी गोलीबारी
प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल शाम 4:56 बजे अपने घर पहुंचे थे। उमेश ने घर की गली पर जैसे ही अपनी गाड़ी का दरवाजा खोला, ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई और बम चलने लगे। उमेश का गनर राघवेंद्र गाड़ी का दरवाजा खोलकर बाहर आया तो उस पर भी हमला हो गया।
शूटआउट के दौरान एक सफेद रंग की गाड़ी और थी, जो उमेश की गाड़ी के पीछे ही थी। इस गाड़ी में एक हमलावर अतीक अहमद का बेटा असद बताया जा रहा है। मौके पर 13 हमलावर थे। हमले के दौरान 15 से 19 राउंड गोलियां चलीं, बम चले और निशाने पर थे उमेश पाल।