पहले पूरी खोजबीन करना है बहुत जरूरी
अपने पसंदीदा डेस्टिनेशन के बारे में सबकुछ पता करें। यह जानने की कोशिश करें कि क्या वहां ट्रैवल एडवाइजरी की सुविधा उपलब्ध है? क्या वहां का कानून गर्भवती महिला को अकेले घूमने की इजाजत देता है? पहनावे के नियम क्या हैं? आपके देश की एम्बैसी कहां स्थित है? मौसम कैसा है? वहां कोई ऐसी बीमारी तो नहीं फैल रही, जो आपके लिए खतरा पैदा कर दे? स्थानीय खान-पान क्या है? पीने का साफ पानी कहां उपलब्ध है? सबसे नजदीक अस्पताल कितनी दूरी पर है? ऐसे सवालों के जवाब एक ऐसी यात्रा की योजना बनाने में मदद करेंगे, जिसमें कम जोखिम और ज्यादा मजा हो।
सुरक्षा के कुछ जरूरी उपाय
अपने बैग में गैर-जरूरी सामान भरने से बचें। आपका बैग जितना हल्का होगा, आपको खतरा भी उतना कम होगा और चीजें खोने का डर भी नहीं होगा। अपने लगेज, क्रेडिट काड्र्स और दूसरे जरूरी सामान को अपनी नजरों से दूर न होने दें। गहने, लैपटॉपए स्मार्टफोन जैसी महंगी दिखने वाली वस्तुएं घर पर ही छोड़ दें क्योंकि ये अपराधियों का ध्यान आकर्षित कर सकती हैं। अपने ट्रैवल प्लान और जरूरी दस्तावेजों की कॉपी अपने परिवार और दोस्तों को देकर जाएं। अपने मेडिकल रिकॉर्ड और डॉक्टर का फोन नंबर साथ रखें।
डॉक्टरी सलाह जरूरी
सफर पर निकलने से पहले अपने डॉक्टर से मिलें। हो सकता है, जहां आप जाना चाह रही हों, वहां जाने के लिए आपको कुछ खास दवाओं और वैक्सीनेशन की जरूरत हो। संभव हो तो ऐसी जगह न जाएं, जहां जाने के लिए टीकाकरण जरूरी हो क्योंकि इसमें मौजूद सीरम आपके गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर यात्रा पांच घंटे से ज्यादा की है तो इस दौरान खूब पानी पिएं और हर तीस मिनट में थोड़ा वॉक करें, ताकि आपके पैरों में सूजन न हो। गर्भावस्था के अठाईसवें हफ्ते के बाद ज्यादातर एयरलाइंस यात्रा की अनुमति देने के लिए आपसे डॉक्टर का सहमति पत्र भी मांगती हैं।
इंश्योरेंस के जरिए सुरक्षा
यात्रा के लिए अपना बैग पैक करने से पहले एक अच्छा ट्रैवल इंश्योरेंस जरूर खरीदें। यह आपको यात्रा के दौरान किसी आपात स्थिति में लौटने, बीमार होने पर इलाज का खर्च और यहां तक कि समयपूर्व प्रसव की स्थिति में पर्याप्त आर्थिक मदद की गारंटी देता है। आपकी रिटर्न फ्लाइट की तारीख में बदलाव पर होने वाले खर्च के अलावा यात्रा बीमा चोरी या प्रॉपर्टी के नुकसान से होने वाली हानि की भरपाई भी करता है।
पोषण का भी रखें ध्यान
प्रेगनेंसी में कमजोरी व चक्कर आना आम बात है। ऐसे में आपको अपने खान-पान का पूरा ध्यान रखना होगा। हमेशा नॉन-एल्कोहॉलिक ड्रिंक और फल व सूखे मेवे साथ रखें। अगर साफ पानी की उपलब्धता पर अंदेशा हो तो पानी की बोतल भी साथ होनी चाहिए। यात्रा के दौरान डॉक्टर और अपने न्यूट्रिशियनिस्ट की सलाह पर अमल करें। अगर बीमार हो जाएं या भूख न लगे तो थोड़ा-थोड़ा दिन में कई बार खाएं।