उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने पार्स्वनाथ डिवेलपर्स को प्रॉजेक्ट में देरी होने पर फ्लैट्स खरीदने वाले ग्राहकों को प्रति माह 20000 हजार रुपए का हर्जाना दिए जाने का आदेश दिया है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का यह बड़ा फैसला फ्लैट खरीदने वाले लोगों को बड़ी राहत पहुंचा सकता है। आयोग ने पार्स्वनाथ डिवेलपर्स को प्रॉजेक्ट में देरी होने पर फ्लैट्स खरीदने वाले ग्राहकों को प्रति माह 20000 हजार रुपए का हर्जाना दिए जाने का आदेश दिया है।
आयोग ने लखनऊ के गोमतीनगर में पार्स्वनाथ प्लैनेट नाम से चल रहे प्रॉजेक्ट में देरी होने के मामले में यह कड़ा फैसला सुनाया है। आयोग ने आदेश दिया कि बिल्डर को 175 स्क्वेयर मीटर का फ्लैट बुक कराने वाले लोगों को 15 रुपए प्रति माह का मुआवजा देना होगा। इसके अलावा इससे बड़े फ्लैट बुक कराने वाले लोगों को फ्लैट मिलने तक हर महीने 20 हजार रुपए का भुगतान करने का फैसला सुनाया है।
आयोग का यह फैसला उसके उस फैसले के ठीक एक महीने बाद आया है जिसमें उसने यूनिटेक के गुडगांव प्रोजेक्ट में देरी की वजह से उपभोक्ताओं को फ्लैट्स का कब्जा न मिलने पर 12 परसेंट वार्षिक व्याज की दर से भुगतान के आदेश दिए थे। लेकिन पार्स्वनाथ मामले ने आयोग ने पाया कि 2006 में उपभोक्ताओं से लिए गए एग्रीमेंट के मुताबिक फ्लैट्स का कब्जा 42 महीने के अन्दर करना था। जिसका मतलब उपभोक्ताओं को 2009-10 तक उनको फ्लैट्स पर कब्जा मिल जाना चाहिए था।
लेकिन आज तक उपभोक्ताओं को फ्लैट्स का आवंटन न होने की वजह से आयोग ने यह जुर्माना लगाया गया है। आदेश के मुताबिक, डील होने के 54वें महीने से पेनाल्टी शुरू होगी यह फ्लैटों के आवंटित होने तक जारी रहेगी।